यही नहीं आईएसआई ( ISI ) समर्थित आतंकवादी संगठन ने अपने नापाक मंसूबों को पूरा करने के लिए 200 लोगों की हिट लिस्ट ( Hit List ) भी तैयार की है। इस सूची में कश्मीरी पंडित, नेता, मीडियाकर्मी, उद्योगपतियों से लेकर गैर-स्थानीय लोग शामिल हैं।
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खुफिया एजेंसियों को मिली जानकारी के मुताबिक ये भी तय किया गया है कि पुलिस, सुरक्षा बलों, खुफिया विभागों के साथ काम करने वाले कश्मीरियों को मारना होगा।
खुफिया एजेंसियों को मिली जानकारी के मुताबिक ये भी तय किया गया है कि पुलिस, सुरक्षा बलों, खुफिया विभागों के साथ काम करने वाले कश्मीरियों को मारना होगा।
दरअसल आइएसआइ आतंकी संगठनों का मुखौटा बदलने की भी कोशिश कर रही है। यही वजह है कि पिछले एक से डेढ साल के अंदर कई नए संगठन तैयार किए गए हैं। इन आतंकियों को आम लोगों को निशाना बनाने का लक्ष्य दिया गया है ताकि दहशत फैलाई जा सके।
दि रेजिस्टेंस फोर्स ( TRF ) इसी कड़ी का एक हिस्सा है, जो लश्कर से जुड़ा है और पिछले कुछ समय में कई बेगुनाह नागरिकों की हत्या में इसका हाथ रहा है। ISI अधिकारियों और आतंकी समूहों के नेताओं के बीच बैठक के दौरान गैर-कश्मीरी लोगों, बीजेपी और आरएसएस से जुड़े लोगों को भी टारगेट के रूप में चुना गया था।
अलर्ट में कहा गया है कि, ‘इसे एक सहज और पूरी तरह से स्वदेशी गतिविधि के रूप में पेश करने के लिए’, अपराध के कोई रिकॉर्ड नहीं रखने वाले, लेकिन उग्रवाद के प्रति सहानुभूति रखने वाले कश्मीरियों का इस्तेमाल किया जाएगा।
आतंकी गतिविधियों को समर्थन देने के लिए उरी और तंगधार से एलसी के जरिए पिस्टल और ग्रेनेड की तस्करी की जा रही है। साथ ही एक नया आतंकी संगठन बनाया गया है, जोकि भारतीय जांच एजेंसियों को गुमराह करने के लिए लक्षित हत्याओं और हमलों की जिम्मेदारी लेगा।
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माना जा रहा है कि आतंकी समूह इनकी हत्याओं के लिए ऐसे लोगों का इस्तेमाल करेगी जो अब तक सुरक्षाबलों की नजर से दूर हैं और जमीनी कार्यकर्ताओं के रूप में काम करते हैं क्योंकि इससे इन हत्याओं को सामान्य और पूरी तरह से स्वदेशी गतिविधि के तौर पर देखा जाएगा।
माना जा रहा है कि आतंकी समूह इनकी हत्याओं के लिए ऐसे लोगों का इस्तेमाल करेगी जो अब तक सुरक्षाबलों की नजर से दूर हैं और जमीनी कार्यकर्ताओं के रूप में काम करते हैं क्योंकि इससे इन हत्याओं को सामान्य और पूरी तरह से स्वदेशी गतिविधि के तौर पर देखा जाएगा।