अधिसूचित नियम असंवैधानिक और भेदभावपूर्ण- विपक्ष
सीएए को दिसंबर 2019 में संसद द्वारा पारित किया गया था, लेकिन केंद्र सरकार ने सोमवार को इसके लिए नियम जारी किए। अधिनियम की अधिसूचना पर विपक्षी नेताओं ने आलोचना शुरू कर दी। इन्होंने दावा किया कि अधिसूचित नियम असंवैधानिक, भेदभावपूर्ण और संविधान में निहित नागरिकता के धर्मनिरपेक्ष सिद्धांत का उल्लंघन हैं। सीएए के आलोचकों ने यह भी तर्क दिया कि मुसलमानों को इसके दायरे से बाहर करके और नागरिकता को धार्मिक पहचान से जोड़कर, कानून भारतीय संविधान में निहित धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों को कमजोर करता है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिया ये बयान
हालांकि, केंद्र ने कहा है कि सीएए नागरिकता देने के बारे में है और देश के किसी भी नागरिक की नागरिकता नहीं जाएगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सीएए को कभी वापस नहीं लिया जाएगा और भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार इसके साथ कभी समझौता नहीं करेगी।