शीर्ष कोर्ट ने हिंदू सेना अध्यक्ष ने याचिका दाखिल कर प्रधानमंत्री की गुजरात दंगों में कथित भूमिका पर आधारित डॉक्यूमेंट्री प्रसारित करने के लिए बीबीसी और बीबीसी इंडिया पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। याचिका में आरोप लगाया गया था कि बीबीसी और बीबीसी इंडिया भारत में शांति और अखंडता को बाधित करने की कोशिश कर रहा है।
याचिकाकर्ताओं के लिए सीनियर एडवोकेट पिंकी आनंद ने बीबीसी को जानबूझकर छवि खराब करने का तर्क दिया था। इस मामले में जस्टिस खन्ना ने कहा कि आप इस पर बहस भी कैसे कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से गलत है। उन्होंने पूछा कि आप अदालत से बीबीसी पर प्रतिबंध लगाने की मांग कैसे कर सकते हैं।
एडवोकेट बरुण कुमार सिन्हा के माध्यम से दायर याचिका में मांग की गई थी कि कोर्ट राष्ट्रीय जांच एजेंसी को निर्देश दिए जाए। वह भारत विरोधी और भारत सरकार विरोधी रिपोर्टिंग/डॉक्यूमेंट्री बनाने वाले पत्रकार के खिलाफ जांच करे। उन्होंने बीबीसी पर अपना एजेंडा चलाने का आरोप लगाया गया। साथ ही दावा किया गया कि बीबीसी भारत में व्याप्त शांति और राष्ट्रीय अखंडता को बाधित कर रहा है।