हत्या मामले में राम रहीम को बरी किए जाने के खिलाफ नोटिस
देश के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने यह नोटिस जारी किया है। उन्होंने कहा कि मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की अध्यक्षता वाली पीठ द्वारा पहले ही की जा रही है। अब मामले को आगे की कार्यवाही के लिए उनकी पीठ के समक्ष सूचीबद्ध होगा।
2002 में हुआ था रणजीत सिंह का मर्डर
आपको बता दें कि 22 साल पहले 10 जुलाई, 2002 को हरियाणा के कुरुक्षेत्र की खानपुर कॉलोनी में रंजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। बताया जा रहा है कि सिंह की हत्या का संबंध सिरसा में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम द्वारा महिलाओं के यौन शोषण के आरोपों को उजागर करने वाले एक गुमनाम पत्र के प्रसार में उनकी संदिग्ध भूमिका से था। लेटर में बताया गया था कि किस तरह महिला अनुयायियों के साथ गलत व्यवहार होता है। इसके बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया था। आजीवन कारावास के साथ कोर्ट ने लगाया था भारी जुर्माना
साल 2021 में पंचकूला की एक विशेष सीबीआई अदालत ने गुरमीत राम रहीम और चार अन्य- अवतार सिंह, कृष्ण लाल, जसबीर सिंह और सबदिल सिंह को हत्या में उनकी भूमिका के लिए दोषी ठहराया। कोर्ट सभी पांचों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही राम रहीम पर 31 लाख रुपये, सबदिल सिंह पर 1.50 लाख रुपये, जसबीर सिंह और कृष्ण लाल पर 1.25 लाख रुपये और अवतार सिंह पर 75,000 रुपये का भारी जुर्माना भी लगाया था।
हाईकोर्ट ने पलटा था सजा का फैसला
बीते साल मई 2024 में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने सीबीआई अदालत की सजा को पलट दिया। रंजीत सिंह हत्या मामले में सभी पांच आरोपियों को बरी कर दिया। राम रहीम ने अपने खिलाफ़ सभी मामलों में अपनी सज़ा के ख़िलाफ़ अपील की थी, जिसमें बलात्कार के मामले और पत्रकार राम चंद्र छत्रपति की हत्या भी शामिल है। रणजीत सिंह हत्या मामले में गुरमीत राम रहीम को बरी किए जाने के खिलाफ CBI की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है।