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कब आते हैं वो 12 घंटे?
दरअसल इस गांव के लोग हर साल की बैसाख के नवमी के दिन 12 घंटों के लिए अपना घर छोड़ देते हैं। ग्रामीण इस अवधि में जंगलों में निवास करने चले जाते हैं।
इस विचित्र मान्यता का पालन वर्तमान में भी किया जा रहा है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्यों सभी ग्रामीण 12 घंटों के लिए गांव को छोड़ कर जंगल में रहने चले जाते हैं?
चंपारण जिला के बगहा स्थित नौरंगिया गांव के लोग एक दिन के लिए पूरा गांव खाली कर देते हैं। वर्षों से ऐसी मान्यता है कि इस दिन ऐसा करने से देवी के प्रकोप से निजात मिलती है।
थारू बाहुल्य इस गांव के लोगों में अनोखी प्रथा को आस्था के साथ निभा रहे हैं। इसके चलते नवमी के दिन लोग अपने साथ-साथ मवेशियों को भी पीछे छोड़ने की हिम्मत नहीं करते हैं।
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