किस सेक्टर पर ज्यादा दबाव
छोटी और मझौली कंपनियों के शेयरों में भी गिरावट देखी जा रही है। निफ्टी मिडकैप 100 सूचकांक 311 अंक या 0.56 प्रतिशत गिरकर 55,117 अंक पर और निफ्टी स्मॉलकैप 100 सूचकांक 127 अंक या 0.70 प्रतिशत लुढ़ककर 18,107 अंक पर रहा। सेक्टर के हिसाब से देखें तो ऑटो, आईटी, पीएसयू बैंक, वित्तीय सेवा, फार्मा, धातु और ऊर्जा सेक्टरों पर दबाव है। केवल एफएमसीजी सूचकांक ही हरे निशान में कारोबार कर रहा है। बाजार के गिरने की एक वजह फ्रंट रनिंग को लेकर क्वांट म्यूचुअल फंड पर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की जांच को माना जा रहा है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
जानकारों का कहना है कि सेबी द्वारा क्वांट म्यूचुअल फंड की जांच करना बाजार के लिए नकारात्मक है। फिलहाल बाजार कंसोलिडेशन फेज में है। बाजार में सेक्टरोल बदलाव देखने को मिल सकता है। इस कारण मुनाफावसूली भी हो सकती है।एशियाई बाजारों में मिलाजुला कारोबार हो रहा है। टोक्यो और जकार्ता के बाजार हरे निशान में हैं। वहीं, शंघाई, हांगकांग, बैंकॉक और सोल के बाजार लाल निशान में हैं। अमेरिकी बाजार सोमवार को सपाट बंद हुए थे। कच्चे तेल का बेंचमार्क लंदन का ब्रेंट क्रूड वायदा 84 डॉलर प्रति बैरल और अमेरिकी डब्ल्यूटीआई क्रूड वायदा 80 डॉलर प्रति बैरल पर है।