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इस रूट पर स्लीपर वंदे भारत ट्रेन चलाने की तैयारी, यात्रियों के लिए खुशखबरी, जानें डिटेल

भारतीय रेलवे कई रूटों पर नई स्लीपर वंद भारत ट्रेन चलाने जा रही है। इस कदम से रेलवे यात्रियों को काफी सहूलियत मिलेगी।

Feb 05, 2024 / 02:53 pm

Paritosh Shahi

मोदी सरकार वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का जाल देशभर में फैलाने की तैयारी कर रही है। राजस्थान, महाराष्ट्र, दिल्ली में जाल फैलाने के बाद अब यात्रियों को दोहरी सौगात मिलने जा रही है। लंबी दूरी तय करने वाले यात्रियों को अब सेमी हाई स्पीड के साथ-साथ स्लीपर का आराम भी मिल सकेगा। रेलवे के सूत्रों की मानें तो अन्य ट्रेनों के मुकाबले इस ट्रेन से सफर करने का अनुभव काफी बेहतर होने वाला है। लेकिन इसके लिए दो-तीन महीनों का और इंतजार करना पड़ेगा। बता दें कि मार्च में जरूरी ट्रायल्स के बाद स्लीपर वर्जन के नया सेट अप्रैल के पहले या दूसरे सप्ताह से पटरियों पर दौड़ना शुरू कर देगा। क्योंकि स्लीपर कोच निर्माण की प्रक्रिया पूरी रफ्तार के साथ जारी है।

 

किस रूट पर दौड़ेंगी स्लीपर ट्रेन

फ़िलहाल वंदे भारत ट्रेन देश के 39 रूट पर सेवाएं दे रही हैं। ये सभी ट्रेनें चेयर कार हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शुरुआती तौर पर नए स्लीपर कोच दिल्ली से मुंबई, दिल्ली से हावड़ा और दिल्ली से पटना जैसे रास्तों पर चलेंगी। वंदे भारत स्लीपर कोच में यात्रियों को पहले से ज्यादा सुविधाएं मिलने जा रही हैं। गुणवत्ता, टिकाऊ और किराया के मामले में स्लीपर वर्जन अंतरराष्ट्रीय स्तर के होंगे। इस ट्रेन के सभी सेट्स में कवच सिस्टम होगा और 200 KMPH की रफ्तार से दौड़ेगी।

40 हजार बोगियां वंदे भारत की बोगियों में तब्दील होंगी

केंद्र सरकार की तरफ से 1 फरवरी को जारी अंतरिम बजट में रेलवे को बड़ी सौगात दी गई है। इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 40 हजार बोगियों को वंदे भारत के स्तर की बोगियों में बदलने की बात कही है।

वंदे भारत ट्रेन को जानिए

वंदे भारत ट्रेन में अंदर काफी सुविधा जनक जरूरतों का ध्यान रखा गया है। इस ट्रेन के जरिए देश में रेल यात्रा को आधुनिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। यह ट्रेन यात्रियों को आराम, सामर्थ्य और गति का एक अनूठा मिश्रण प्रदान करेगी।

वहीं अमृत भारत एक्सप्रेस में 22 नॉन एसी कोच शामिल है। इसमें 14 कोच स्लीपर के बने हुए हैं और आठ कोच जनरल के हैं। इस ट्रेन के अंदर सुविधाओं की बात करें तो हर सीट के पास चार्जिंग सॉकेट लगाए गए हैं। पहले आम ट्रेनों में दो ही चार्जिंग सॉकेट हुआ करते थे, अब हर सीट के पास एक चार्जिंग सॉकेट लगाया गया है। पीने के पानी की मशीन को भी अत्याधुनिक तरीके से बनाया गया है, ताकि आप बिना हाथ लगाए नीचे बने पैडल को प्रेस करके शुद्ध पेयजल पी सकते हैं।

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