मैंने कभी भी मतदान का मौका नहीं गंवाया – श्याम सरन नेगी श्याम सरन नेगी का जन्म जुलाई 1917 में हुआ था। आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार उन्होंने 1951-52 में हुए देश के पहले आम चुनाव में मतदान किया था। नेगी ने अपने मताधिकार का प्रयोग करने के बाद राज्य की राजधानी से लगभग 275 किमी दूर स्थित अपने गांव कल्पा में कहा था, 1947 में भारत को आजादी मिलने के बाद से मैंने कभी भी मतदान का मौका नहीं गंवाया और मुझे इस बार भी मतदान करने में खुशी हो रही है। पिछले साल भी उन्होंने मंडी संसदीय उपचुनाव के लिए मतदान किया था।
श्याम सरन नेगी का लोकतंत्र में दृढ़ विश्वास लोकतंत्र में दृढ़ विश्वास रखने वाले श्याम सरन नेगी ने पंचायत से लेकर लोकसभा तक हर चुनाव में मतदान किया। वह कभी भी मतदान से वंचित नहीं रहे। सेवानिवृत्त स्कूल शिक्षक नेगी 1951 में चुनाव ड्यूटी पर थे, जब उन्होंने चीनी निर्वाचन क्षेत्र में अपने मताधिकार का प्रयोग किया था, जिसे बाद में किन्नौर नाम दिया गया।
लोकसभा चुनाव में 16 बार किया मतदान आदिवासी जिले किन्नौर के रहने वाले श्याम सरन नेगी ने अपने घर पर डाक मतपत्र के माध्यम से 34वीं बार प्रदेश की 14वीं विधानसभा चुनाव के लिए मताधिकार का प्रयोग किया। उन्होंने पहली बार पोस्टल बैलेट के जरिए वोट डाला। नेगी ने लोकसभा चुनाव में 16 बार मतदान किया।