राज्यसभा की 15 सीटों के लिए उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में शनिवार को हुए चुनाव में क्रॉस वोटिंग के कारण तीनों राज्यों में सियासी पारा चढ़ा रहा। खासकर हिमाचल प्रदेश में जहां 40 विधायकों वाली कांग्रेस के छह विधायकों ने पार्टी प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी के खिलाफ वोट डालकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार को ही खतरे में ला लिया है। यहां भाजपा के हर्ष महाजन को पार्टी के 25 विधायकों के अतिरिक्त कांग्रेस के छह और तीन निर्दलीय विधायकों के वोट भी मिले। इसके कारण कांग्रेस और भाजपा को 34-34 वोट मिलने पर लॉटरी से किया गया फैसला भाजपा के पक्ष में रहा।
यूपी में बीजेपी के सभी उम्मीदवार जीते
उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की 10 सीटों के लिए हुए मतदान में भाजपा के सभी आठ उम्मीदवारों को जीत मिली है वहीं समाजवादी पार्टी (सपा) को दो सीटों पर संतोष करना पड़ा है। 403 सदस्यीय सदन के 395 विधायकों ने वोट डाले। भाजपा के आठ और सपा के तीन उम्मीदवार मैदान में थे। मतदान से पहले भाजपा को सात और सपा को दो सीटें मिलनी तय थी जबकि, दसवीं सीट पर भाजपा के संजय सेठ और सपा के आलोक रंजन बीच कड़ा मुकाबला था, जिसमें अंतत: भाजपा ने बाजी मारी। रोचक मुकाबले में भाजपा के संजय सेठ को 29 मत मिले जबकि सपा के आलोक रंजन को वरीयता के 19 मत ही हासिल हो पाए।
कर्नाटक में चला कांग्रेस का जादू
कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने राज्य की चार में से तीन राज्यसभा सीटों पर आसान जीत दर्ज कर ली। एक सीट विपक्षी दल भाजपा के खाते में गई जबकि जद-एस को फिर एक बार निराशा हाथ लगी। राज्य की चार सीटों के लिए पांच उम्मीदवार मैदान में थे। एक उम्मीदवार को जीत के लिए कम से कम 45 मतों की आवश्यकता थी। भाजपा उम्मीदवार नारायण कृष्णा भांगडे, कांग्रेस अजय माकन और सैयद नासिर हुसैन को 47-47 मत प्राप्त हुए जबकि कांग्रेस के जी.सी. चंद्रशेखर के 45 और कुपेंद्र रेड्डी को 36 मत मिले। 224 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के एक सदस्य के निधन के बाद कुल विधायकों की संख्या 223 हो गई। वहीं, भाजपा के एक सदस्य ने मतदान नहीं किया। कुल 222 मत पड़े।
राज्यसभा की 56 सीटों में से 41 पहले ही निर्विरोध विजयी घोषित
राज्यसभा की कुल 56 खाली सीटों में से 41 को पहले ही निर्विरोध विजयी घोषित किया जा चुका है। बाकी 15 सीटों के लिए मंगलवार को चुनाव कराया गया। इनमें उत्तर प्रदेश में 10, कर्नाटक में चार और हिमाचल प्रदेश में एक शामिल है। राज्यसभा में वर्तमान में 245 सदस्य हैं। उच्च सदन के सदस्यों का कार्यकाल छह साल का होता है, जिसमें एक तिहाई सीटों के लिए हर दो साल में चुनाव होते हैं, जो कि 33 प्रतिशत होता है।
भाजपा ने विधायकों को किया किडनैपः सुक्खू
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि भाजपा द्वारा कांग्रेस के छह विधायकों और तीन निर्दलीय विधायको को किडनैप कर लिया गया है। बताया गया कि सीआरपीएफ व हरियाणा पुलिस की कॉन्वॉय इन सभी नौ विधायकों को मतदान के तुरंत बाद हरियाणा के पंचकुला ले गई है। राज्यसभा के मतदान के बाद नौ विधायक वापस सदन की कार्यवाही में नहीं पहुंचे। बदले गणित से विधानसभा में सुक्खू सरकार खतरे में आ गई है। विधानसभा में विधायकों की संख्या 68 है। इसमें कांग्रेस के 40 विधायक हैं। जबकि, भाजपा के 25 व तीन निर्दलीय हैं। भाजपा ने कांग्रेस के छह व तीन निर्दलीयों को लेकर स्कोर 34 का कर लिया। विधानसभा में भी सुक्खू सरकार को बहुमत के लिए 35 के आंकड़े की जरूरत होगी। यदि कांग्रेस के छह विधायक बुधवार को विधानसभा नहीं पहुंचते तो सुक्खू सरकार अल्पमत में आ जाएगी।
आठ विधायकों ने बिगाड़ा सपा का खेल
बीजेपी के उम्मीदवार के पक्ष में वोटिंग करने वाले सपा विधायकों के नाम राकेश पांडे, अभय सिंह, राकेश प्रताप सिंह, मनोज पांडे, विनोद चतुर्वेदी, महाराजी प्रजापति, पूजा पाल और आशुतोष मौर्य बताए जा रहे हैं। मतदान से पहले, सपा विधायक मनोज पांडे ने पार्टी के मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा दे दिया था। ये आठ विधायक सपा प्रमुख की अध्यक्षता में हुई पार्टी की बैठक और उसके बाद हुए रात्रिभोज में शामिल नहीं हुए थे।
सोमशेखर के खिलाफ कर्रवाई करेगी भाजपा
कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि भाजपा क्रॉस वोटिंग करने वाले सोमशेखर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की संभावना तलाश रही है। एक अन्य भाजपा विधायक शिवराम हेब्बार भी मतदान में अनुपस्थित रहे। सोमशेखर और हेब्बार दोनों ने कांग्रेस-जेडीएस सरकार गिराने के लिए 2019 में कांग्रेस छोड़ दी थी और भाजपा में शामिल हो गए थे। पिछले वर्ष से दोनों के कांग्रेस में शामिल होने की चर्चाएं तेज हो गई थी।
ये दिग्गज हारे और ये दिग्गज जीते चुनाव
– हिमाचल में सत्तारूढ़ दल कांग्रेस के प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी को हराकर भाजपा के हर्ष महाजन ने राज्यसभा चुनाव जीत कर इतिहास रच दिया।