स्वाति मालीवाल के हस्तक्षेप पर हुआ ऐक्शन दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के हस्तक्षेप पर, स्वास्थ्य विभाग दिल्ली सरकार ने दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों को एक सर्कुलर भेजा है कि, अगर उनके पास ‘बर्न एंड प्लास्टिक वार्ड’ और एक प्लास्टिक सर्जन है, तो वे मुफ्त सेक्स रीअसाइनमेंट सर्जरी प्रदान करें।
बड़ी उपलब्धि – दिल्ली महिला आयोग दिल्ली महिला आयोग ने इसे एक बड़ी उपलब्धि करार दिया। आयोग ने कहा कि, राजधानी के सरकारी अस्पतालों में मुफ्त सेक्स रिअसाइनमेंट सर्जरी की कमी होने से ट्रांसजेंडरों को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा था। पर अब ऐसा नहीं करना पड़ेगा।
पहले एक ही अस्पताल में शुरू किया था आयोग ने दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग को मुफ्त सेक्स रीअसाइनमेंट सर्जरी के संदर्भ में नोटिस जारी की थी। जिसके बाद दिल्ली सरकार ने इस पर ऐक्शन लिया। और दिल्ली के गुरु तेग बहादुर अस्पताल के बर्न एंड प्लास्टिक विभाग में मुफ्त सेक्स रीअसाइनमेंट सर्जरी (एसआरएस) की सुविधा उपलब्ध करा दी गई है।
नोटिस पर दी दिल्ली सरकार ने खुशखबर इस पर आयोग ने एक और नोटिस जारी कर दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों में यह सुविधा शुरू करने की मांग की। आयोग की इस मांग को दिल्ली सरकार ने स्वीकार इसे शुरू करने का आदेश दिया।
डीसीडब्ल्यू अध्यक्ष स्वाति मालीवाल खुश डीसीडब्ल्यू की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा, मुझे खुशी है कि हमारे हस्तक्षेप के बाद, दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में मुफ्त सेक्स रीअसाइनमेंट सर्जरी की जा रही है। निजी अस्पतालों में इसी प्रक्रिया में 10-15 लाख रुपए का खर्च आता है! अधिकांश ट्रांसजेंडर इतनी बड़ी रकम खर्च नहीं कर सकते। जब दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में सभी सुविधाएं मुफ्त हैं, तो ट्रांसजेंडरों को ऐसी प्रक्रिया के लिए भुगतान क्यों करना चाहिए जो उनके जीवन के लिए महत्वपूर्ण है।
सेक्स रिअसाइनमेंट सर्जरी क्या है जानें जेंडर चेंज कराने के लिए किसी भी व्यक्ति को सेक्स रिअसाइनमेंट सर्जरी (एसआरएस) की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। सेक्स रिअसाइनमेंट सर्जरी (एसआरएस) एक सर्जिकल प्रक्रिया है। जिसमें ट्रांसजेंडर व्यक्ति की शारीरिक बनावट को बदल दिया जाता है। सेक्स रिअसाइनमेंट सर्जरी को जेंडर रीअसाइनमेंट सर्जरी, जेनिटल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी और सेक्स रीअलाइनमेंट सर्जरी भी कहा जाता है।