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POCSO Act: बच्चे के सामने बनाए संबंध, इस कृत्य को देखने पर नाबालिग को पीटा, कोर्ट ने सुनाई ये सजा

Kerala High Court: केरल हाईकोर्ट (HC) ने कहा कि नाबालिग के सामने यौन संबंध बनाना या उनके सामने बिना कपड़े के आना यौन उत्पीड़न है। ये यौन अपराध बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत दंडनीय है।

नई दिल्लीOct 17, 2024 / 10:31 am

Akash Sharma

High Court Of Kerala On POSCO ACT

Kerala High Court: केरल हाईकोर्ट (HC) ने कहा कि नाबालिग के सामने यौन संबंध बनाना या उनके सामने बिना कपड़े के आना यौन उत्पीड़न है। ये यौन अपराध बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत दंडनीय है। दरअसल, न्यायमूर्ति ए बदरुद्दीन ने यह फैसला एक व्यक्ति की याचिका पर सुनाया। इस याचिका में उसने पॉक्सो अधिनियम (POSCO Act), भारतीय दंड संहिता (IPC) और किशोर न्याय अधिनियम के तहत विभिन्न अपराधों के लिए उसके खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करने का अनुरोध किया था। आरोपी पर आरोप था कि उसने एक लॉज में नाबालिग की मां के साथ कमरे का दरवाजा बंद किए बिना यौन संबंध बनाए। इस कृत्य को देखने वाले लड़के की पिटाई की।

बच्चे के सामने यौन संबंध बनाना अपराध


HC ने कहा कि जब कोई व्यक्ति किसी बच्चे को अपना निर्वस्त्र शरीर दिखाता है तो यह बच्चे पर यौन उत्पीड़न करने के इरादे से किया गया कार्य है। कोर्ट ने कहा कि पॉक्सो अधिनियम की धारा 11i (यौन उत्पीड़न) के साथ धारा 12 (यौन उत्पीड़न के लिए दंड) के तहत दंडनीय अपराध लागू होगा। इस केस में आरोप ये है कि आरोपी व्यक्तियों ने निर्वस्त्र होने के बाद, यहां तक ​​कि कमरे को बंद किए बिना यौन संबंध बनाए और नाबालिग को कमरे में प्रवेश करने दिया। इसके चलते नाबालिग ने यह कृत्य देख लिया।’ HC ने कहा कि व्यक्ति को पॉक्सो अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धारा 323 और 34 के तहत अपराधों के लिए मुकदमे का सामना करना होगा। बताया जा रहा है कि व्यक्ति ने बच्चे की पिटाई की और बच्चे की मां ने उसे रोकने की कोशिश भी नहीं की, इसलिए धारा 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाने के लिए सजा) और 34 (समान इरादा) के तहत भी अपराध किया गया।

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