FASTagपर अतिरिक्त शुल्क
भुगतान सर्विस के तौर पर अब डिजिटिल पेमेंट की सुविधा देने वाली कंपनियां भी अतिरिक्त शुल्क ले रही हैं। उधर, फास्टैग (fastag) सेवा प्रदाता कंपनियों ने भी अब कई तरह के शुल्क लगाने का फैसला लिया है। इसमें चार श्रेणी में शुल्क भारतीय राष्ट्रीय भुगतान लिमिटेड (NPCI) ने निर्धारित किया है लेकिन इसके अतिरिक्त कंपनियों ने भी कुछ अन्य शर्तं जोड़ दिया है। जैसे अगर तीन महीने तक फास्टैग से कोई ट्रांजक्शन नहीं होता है तो उसे निष्क्रिय माना जाएगा, जिसे एक्टिव करने के लिए शुल्क देना होगा। निर्धारित शुल्क स्टेंटमेंट 25 रुपए प्रति एक फास्टैग बंद करना 100 रुपए टैग मैनेजमेंट 25 रुपए/तिमाही निगेटिव बैलेंस 25 रुपए/तिमाही
Bank हर सेवा के लिए वसूल रहे रकम
निजी से लेकर सरकारी क्षेत्र के बैंक ग्राहकों को दी जा रही तमाम सुविधाओं के नाम पर शुल्क वसूल रहे हैं। साथ ही न्यूनतम बैलेंस खाते में न होने पर लोगों के खाते से उल्टे जुर्माने के तौर पर भी बड़ी धनराशि वसूल रहे हैं। बीते 5 वर्षों में ही सरकारी बैंकों ने 8500 करोड़ रुपए ग्राहकों से वसूला है। इसके अतिरिक्त भी बैंक तमाम सेवाओं के नाम पर शुल्क वसूल रहे हैं। ये शुल्क वसूल रहे बैंक डुप्लीकेट पासबुक: 100 रुपए चेक रिटर्न चार्ज : 300 रुपए (एक लाख रुपये तक का चार्ज) एक करोड़ तक का चेक: 500 रुपए हस्ताक्षर वेरीफिकेशन: 100 रुपए
हस्ताक्षर वेरीफिकेशन संयुक्त खाता: 150 रुपए ब्रांच में जाकर नोमिनी बदलना: 100 रुपए पासबुक या अन्य कागज भेजना: 50 से 100 रुपए पांच से अधिक बार खाते से नकदी निकासी : 150 रुपए प्रति ट्रांजेक्शन
ब्याज प्रमाण पत्र: पहली बार नि:शुल्क, उसके बाद प्रति बार 100 प्रति सर्टिफिकेट E-KYC 10 रुपए पैसे ट्रांसफर पर शुल्क
RTGM
– 2 लाख रुपए तक कोई शुल्क नहीं – 2 से 5 लाख तक 25 रुपए प्रति ट्रांजेक्शन – 5 लाख रुपए से ऊपर 49 रुपए प्रति ट्रांजेक्शन
NEFT
– 10,000 रुपए तक दो रुपए – 10,000 से एक लाख रुपए तक 4.50 रुपए – एक से दो लाख रुपए तक 14 रुपए – एक दिन में 2 लाख से ऊपर के एनईएफटी ट्रांसफर पर 24 रुपए