एक नाविक को छोडकऱ जहाज पर मौजूद सभी कर्मचारियों को बचा लिया गया है। नाविक लापता है, जिसकी तलाश की जा रही है। आग लगने के कारणों का पता नहीं चल सका है। हालांकि भारतीय नौसेना आग की जांच के आदेश दे दिए हैं। स्वदेश निर्मित ये युद्धपोत ‘ब्रह्मपुत्र’ श्रेणी का पहला मिसाइल फ्रिगेट है।
इसे अप्रेल 2000 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था। इसमें विमानभेदी तोप, सतह से सतह और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के साथ टारपीडो लॉन्चर भी लगे हैं। युद्धपोत में समुद्री युद्ध के सभी पहलुओं को कवर करने वाले सेंसर लगे हैं। यह सीकिंग और चेतक हेलीकॉप्टरों को संचालित करने में सक्षम है। इसका नाम ब्रह्मपुत्र से लिया गया है।
ब्रह्मपुत्र की खासियत
5,300 टन वजनी आइएनएस ब्रह्मपुत्र की लंबाई 125 मीटर है।
27 समुद्री मील से अधिक गति है
40 अधिकारी और 330 नाविकों का दल रहता है।
2000 में भारतीय नौसेना में किया गया था शामिल
नौसेना प्रमुख ने रक्षा मंत्री को दी क्षति की जानकारी
नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को नौसेना के युद्धपोत आईएनएस ब्रह्मपुत्र में आग लगने के कारण हुई क्षति की जानकारी दी है।आईएनएस ब्रह्मपुत्र में सोमवार को आग लग गई थी । इस हादसे में युद्धपोत को काफी नुकसान पहुंचा है। नौसेना के अनुसार बाद में यह युद्धपोत एक तरफ झुक गया और कोशिशों के बावजूद इसे सीधा नहीं किया जा सका।एडमिरल त्रिपाठी ने श्री सिंह को सोमवार शाम को इस हादसे के बारे में विस्तार से जानकारी दी। नौसेना प्रमुख स्थिति का जायजा लेने के लिए आज मुंबई जा रहे हैं।