जम्मू कश्मीर ( Jammu Kashmir ) में इस समय करीब 200 आतंकी सक्रिय हैं। इनमें विदेशी आतंकी भी शामिल हैं। वे आतंकी हमले के लिए आईएसआई के इशारे का इंतजार कर रहे हैं। इस अलर्ट के बाद सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।
यह भी पढ़ेंः Jammu Kashmir: घाटी में नहीं चलेगी ‘मोदी लहर’! बुद्धिजीवियों की बैठक ने बढ़ाई बीजेपी की चिंता भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक अफगानिस्तान के बाद पाकिस्तान जम्मू कश्मीर ( Jammu Kashmir ) पर नजरें कर सकता है। इसके लिए आक्रामक रणनीति पर भी काम कर सकता है। दो महीनों की सक्रियता से मिले संकेत
दरअसल अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के पहले ही आईएसआई लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और अल बद्र जैसे आतंकी संगठनों के आतंकवादियों को भारत में घुसपैठ कराने का प्रयास कर चुकी है। पिछले दो महीनों में इस तरह की गतिविधियों के सक्रिय होने के लगातार संकेत मिले हैं।
दरअसल अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के पहले ही आईएसआई लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और अल बद्र जैसे आतंकी संगठनों के आतंकवादियों को भारत में घुसपैठ कराने का प्रयास कर चुकी है। पिछले दो महीनों में इस तरह की गतिविधियों के सक्रिय होने के लगातार संकेत मिले हैं।
हालांकि भारतीय सुरक्षाबलों ने हर मोर्चे पर मुंहतोड़ जवाब दिया है, लेकिन सतर्कता बनाए रखने की जरूरत है। सुरक्षाबलों की बढ़ाई गई तैनाती
आईएसआई के इन नापाक मंसूबों को नाकाम करने के लिए भारतीय सुरक्षा बलों ने सुरक्षा व्यवस्था को और बढ़ा दिया है। पाकिस्तान से लगी सीमा पर सर्विलांस और जवानों की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है।
आईएसआई के इन नापाक मंसूबों को नाकाम करने के लिए भारतीय सुरक्षा बलों ने सुरक्षा व्यवस्था को और बढ़ा दिया है। पाकिस्तान से लगी सीमा पर सर्विलांस और जवानों की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है।
वहीं जम्मू कश्मीर में गांवों में घुसपैठ करके आने वाले विदेशी आतंकियों को पनाह न दी जाए, इसके लिए जम्मू कश्मीर पुलिस लगातार उनके पनाहगारों की पहचान में जुटे हैं। दरअसल घाटी में कुछ लोग ऐसे हैं जो विदेशी आतंकियों को ना सिर्फ पनाह देते हैं, बल्कि उनके मंसूबों को सफल बनाने में भी स्थानीय स्तर पर उनकी मदद करते हैं। ऐसे में सुरक्षा बल के जवान ऐसे लोगों की पहचान में जुटी ताकि इस नेटवर्क को खत्म किया जा सके।
यह भी पढ़ेंः Delhi: आतंकी हमले के अलर्ट के बाद दिल्ली पुलिस सतर्क, जानिए किस इलाके को लेकर ज्यादा चिंता अबतक 500 की गिरफ्तारी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस वर्ष जनवरी से लेकर अब तक आतंकियों को पनाह देने वाले करीब 500 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। खुफिया एजेंसी के कुछ वरिष्ठ अफसरों का कहना है कि भारतीय एजेंसियां घुसपैठ और पाकिस्तान व पीओके में आतंकी लॉन्चपैड की घटनाओं को अफगानिस्तान में हो रही घटनाओं से जोड़कर नहीं देख रहे हैं, बल्कि इसे आईएसआई के गेम प्लान के रूप में देख रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस वर्ष जनवरी से लेकर अब तक आतंकियों को पनाह देने वाले करीब 500 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। खुफिया एजेंसी के कुछ वरिष्ठ अफसरों का कहना है कि भारतीय एजेंसियां घुसपैठ और पाकिस्तान व पीओके में आतंकी लॉन्चपैड की घटनाओं को अफगानिस्तान में हो रही घटनाओं से जोड़कर नहीं देख रहे हैं, बल्कि इसे आईएसआई के गेम प्लान के रूप में देख रहे हैं।