वहीं उत्तरप्रदेश को लेकर भी मौसम विभाग ने कई जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। मूसलाधार बारिश के कारण 21 से अधिक जिलों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। प्रदेश की प्रमुख नदियां गंगा, यमुना, घाघरा, शारदा, सरयू नदी खतरे के निशान को पार कर गई हैं। चित्रकूट में तो मंदाकिनी नदी का जलस्तर इतना ज्यादा बढ़ गया है कि रामघाट ही डूब गया है। बारिश के कारण प्रयागराज, मिर्जापुर और इटावा में 8वीं तक के स्कूल बंद हैं।
भारतीय मौसम विभाग ने बताया है कि भारी बारिश के कारण पश्चिम बंगाल के बीरभूम, बांकुरा, ईस्ट-वेस्ट मेदिनीपुर, वेस्ट बर्धमान, हावड़ा, हुगली, नॉर्थ 24 परगना, साउथ 24 परगना जिलों में भी बाढ़ जैसे हालात हैं। पिछल 24 घंटे की अगर बात करें तो 2 लोगों की मौत भी हुई। डेम और बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण 9 जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर है।
सात राज्यों में बारिश का अलर्ट
भारतीय मौसम विभाग ने 19 सितंबर को मध्य प्रदेश और राजस्थान के कई जिलों सहित पूर्वोत्तर के नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, असम, मेघालय और द्वीपीय क्षेत्र अंडमान एंड निकोबार आईलैंड और गोवा में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इसके साथ ही मौसम विभाग ने बिजली गिरने का भी अनुमान जताया है। आपको बता दें कि भले ही देश में कई जगह झमाझम बारिश हो रही है लेकिन कई इलाके ऐसे हैं जहां आज भी सूखा है। मानसून में अब तक 108 फीसदी यानी 8% ज्यादा बारिश हो चुकी है लेकिन 185 जिलों में सूखे की स्थिति है।
सितंबर के अंत मॉनसून वापसी
भारतीय मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर पश्चिमी क्षेत्र में अभी पश्चिमी विक्षोभ इस क्षेत्र में बना हुआ है। इसका असर उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश तक है। इसके साथ ही एक अवदाव क्षेत्र दक्षिणी बांग्लादेश के पास बन रहा है। इसके कारण ओडिशा, बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ में बारिश की संभावना है। यही वजह है कि अभी दो सप्ताह तक देश में मॉनसून और सक्रिय रह सकता है। सितंबर अंत बारिश का एक और दौर देखने को मिल सकता है।