अनुच्छेद 370 के लिए इसे माना जिम्मेदार
अब्दुल्ला ने कहा,” “मैं नहीं जानता कि नेहरू के खिलाफ उनके (अमित शाह) मन में जहर क्यों भरा हुआ है। नेहरू जिम्मेदार नहीं हैं। जब अनुच्छेद (370) आया था, तब वहां सरदार पटेल थे।नेहरू उस वक्त अमेरिका में थे जब कैबिनेट की बैठक हुई थी। जब फैसला लिया गया था उस वक्त श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी मौजूद थे।”
आगे उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि चुनाव हो, हम उम्मीद कर रहे थे कि यदि उच्चतम न्यायालय (अनुच्छेद) 370 हटाएगा तो उन्हें तत्काल चुनाव कराने के लिए कहा जाएगा। उन्हें सितंबर 2024 तक का वक्त दिया गया, इसका क्या मतलब है?”
मालूम हो कि शीर्ष अदालत ने सोमवार 11 दिसंबर को पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द करने के 2019 के फैसले को सर्वसम्मति से बरकरार रखा। लोकसभा चुनाव से पहले इसे केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के लिए एक बड़ी जीत माना जा रहा है।