‘दिल्ली-चेन्नई की भव्यता विकास नहीं, गांव समृद्ध होने चाहिए’
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘संकल्प सप्ताह’ में कहा कि हम 2047 में देश को विकसित भारत के रूप में देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि विकसित देश का मतलब दिल्ली, मुंबई, चेन्नई के अंदर भव्यता दिखाना नहीं बल्कि हमारे गांव पीछे रह जाएं। हमको उस मॉडल को लेकर नहीं चलना है। पीएम मोदी ने कहा कि हम 140 करोड़ लोगों के भाग्य को लेकर चलना चाहते हैं, उनके जीवन में बदलाव करना चाहते हैं।
विकसित भारत के लिए बच्चों की उत्कृष्ठ शिक्षा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि विकसित भारत की एक प्रमुख शर्त है कि हमारे देश के बच्चों की उत्कृष्ठ शिक्षा होनी चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि वह कठोर परिश्रम करने वाले और समर्पित भाव से शिक्षा के लिए जीवन जीने वाले सभी शिक्षक साथियों का अभिनंदन करता है। देश में 200 करोड़ से ज्यादा कोविड वैक्सीन की डोज दी गई है।
कार्यक्रम टीम भारत की सफलता का प्रतीक
पीएम मोदी ने कहा कि अभी जो लोग यहां (भारत मंडपम) आए हैं, वो देश के दूर-सुदूर गांवों की चिंता करने वाले लोग हैं। आखिरी छोर पर बैठे हुए परिवार की चिंता करने वाले लोग हैं। उनकी भलाई के लिए योजनाओं को आगे बढ़ाने वाले लोग हैं और इसी महीने यहां वो लोग भी बैठे थे, जो दुनिया को दिशा देने का काम करते थे। यह कार्यक्रम टीम भारत की सफलता का प्रतीक है। ये सबका प्रयास की भावना का प्रतीक है। ये कार्यक्रम भविष्य के भारत के लिए भी अहम है। इसमें संकल्प से सिद्धि का प्रतिबिंब है।
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हर दिन अलग थीम
‘संकल्प सप्ताह’ 3 अक्टूबर से शुरू होकर 9 अक्टूबर तक चलेगा। इसमें प्रत्येक दिन एक विशिष्ट विकास थीम को समर्पित है, जिस पर सभी आकांक्षी ब्लॉक काम करेंगे। पहले छह दिनों की थीम में ‘संपूर्ण स्वास्थ्य’, ‘सुपोषित परिवार’, ‘स्वच्छता’, ‘कृषि’, ‘शिक्षा’ और ‘समृद्धि दिवस’ शामिल हैं। सप्ताह के अंतिम दिन पूरे सप्ताह के दौरान किए गए कार्यों का ‘संकल्प सप्ताह-समावेश समारोह’ उत्सव के रूप में मनाया जाएगा।