विभाजन के बाद से बहा ज्यादा खून
दरअसल, संघ प्रमुख मोहन भागवत नोएडा में एक पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में पहुंचे थे। यहां जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि विभाजन कोई राजनैतिक प्रश्न नहीं है, बल्कि यह अस्तित्व का प्रश्न है। देश के विभाजन का प्रस्ताव स्वीकार ही इसलिए किया गया, ताकि खून की नदियां ना बहें, लेकिन उसके उलट तब से अब तक कहीं ज्यादा खून बह चुका है।
दरअसल, संघ प्रमुख मोहन भागवत नोएडा में एक पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में पहुंचे थे। यहां जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि विभाजन कोई राजनैतिक प्रश्न नहीं है, बल्कि यह अस्तित्व का प्रश्न है। देश के विभाजन का प्रस्ताव स्वीकार ही इसलिए किया गया, ताकि खून की नदियां ना बहें, लेकिन उसके उलट तब से अब तक कहीं ज्यादा खून बह चुका है।
मोहन भागवत ने कहा कि भारत का विभाजन उस समय की परिस्थिति से ज्यादा इस्लाम और ब्रिटिश आक्रमण का परिणाम था। गुरुनानक जी ने पहले ही इस्लामी आक्रमण को लेकर हमें सावधान रहने को कहा था। भारत का विभाजन कोई उपाय नहीं है, इससे कोई भी सुखी नहीं है। अगर विभाजन को समझना है, तो हमें उस समय से समझना होगा।
यह भी पढ़ें