नरक चतुर्दशी के दिन करें हनुमान जी की पूजा-
वाल्मीकि रामायण के अनुसार हनुमानजी का जन्म कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को हुआ था, था। इसी दिन नरक चतुर्दशी भी मनाई जाती है। हनुमान जी को संकटमोचन माना जाता है। इसलिए नरक चतुर्दशी के दिन हनुमान जी की पूजा करने से तमाम संकटों से मुक्ति मिलती है। इस दिन हनुमान जी को चोला चढ़ाना चाहिए। इस दिन एक नारियल को अपने सिर से 7 बार उतारकर हनुमान जी को चढ़ाएं ऐसा करने से आपके जीवन में आने वाले हर तरह के संकट से मुक्ति मिलेगी। इस दिन पीपल के ११ पत्तों पर श्रीराम लिखकर उसकी माला बनाकर हनुमान जी को पहनाएं। अपने व्यापार में तरक्की के लिए सिंदूरी रंग का लंगोट हनुमानजी को पहनाएं। इससे आपको फायदा होगा और जीवन के सभी कष्ट दूर होंगे।
इन उपायों के करने से भी होगा फायदा –
नरक चतुर्दशी के दिन सूर्योदय से पहले तिल के तेल से शरीर की मालिश करने से आपका सौंदर्य बढ़ता है। नरक चतुर्दशी के दिन स्नानादि करके साफ वस्त्र धारण करें और इसके बाद अपने माथे पर लाल रोली से तिलक लगाएं, इसके बाद दक्षिण दिशा की और मुख करके एक पात्र में तिल वाला जल ले लें और यमराज का तर्पण करें। इससे अकाल मौत और नरक में होने वाली यातनाओं मुक्ति मिलेगी।
ये न करें-
नरक चतुर्दशी के दिन मंदिर, रसोई घर, तुलसी, पीपल, बरगद, आंवला, आम के पेड़ के नीचे, नदियों के किनारे, बगीचे, गौशाला आदि स्थान को गंदा न रखें। यहां पर सफाई करके दीपक अवश्य जलाएं। इससे सुख समृद्धि आती है।
इस दिन स्नान अवश्य करें, व साफ कपड़े पहन करे पूजा आदि जरूर करें।