मंदिर का मतलब मानसिक गुलामी का मार्ग
राबड़ी आवास के आरजेडी के कई समर्थकों ने पोस्टर लगाए हैं जिनमें एक पोस्टर में मंदिर और शिक्षा की तुलना की गई है। इस पोस्टर में लिखा गया है, ‘मंदिर का मतलब मानसिक गुलामी का मार्ग और स्कूल का मतलब होता है जीवन में प्रकाश का मार्ग, जब मंदिर की घंटी बजती है तो हमें संदेश देती है कि हम अंधविश्वास, पाखंड, मूर्खता और अज्ञानता की ओर बढ़ रहे हैं और जब स्कूल की घंटी बजती है तो हमें यह संदेश मिलता है कि हम तर्कपूर्ण ज्ञान और वैज्ञानिकता व प्रकाश की ओर बढ़ रहे हैं।
अब तय करना कि आपको किस तरफ जाना चाहिए- सावित्री बाई फुले। बता दें कि इस पोस्टर में एक तरफ लालू यादव और राबड़ी देवी की तस्वीर है तो दूसरी तरफ उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव हैं। पोस्टर के शीर्ष पर महात्मा बुद्ध, सम्राट अशोक सावित्री बाई फुले तथा अन्य लोगों की भी तस्वीर लगी है।
सावित्री बाई फुले की जयंती के मौके पर लगाया गया है पोस्टर
बता दें कि ये पोस्टर न 7 जनवरी को रोहतास में होने वाले सावित्री बाई फुले की जयंती समारोह को लेकर आरजेडी के नेता फतेह बहादुर की तरफ से लगाया गया है। इस कार्यक्रम का उद्घाटन बिहार के शिक्षा मंत्री डॉ. चंद्रशेखर करने वाले हैं। वह पहले से ही रामचरितमानस और हिंदू-धर्म को लेकर विवादित बयान दे चुके हैं।
फतेह बहादुर ने पहले भी दिया था विवादित बयान
इतना ही नहीं पोस्टर में सनातन और हिंदू देवी देवताओं पर विवादित बयान देने वाले आरजेडी विधायक फतेह बहादुर सिंह की तस्वीर भी लगी हुई है। फतेह बहादुर सिंह वहीं विधायक हैं जिन्होंने दाउदनगर में विद्या की देवी मां सरस्वती पर आपत्तिजनक बातें कहीं थी। उन्होंने कहा था कि पूजा हमेशा चरित्रवान की होनी चाहिए न कि चरित्रहीनों की। इससे पहले उन्होंने मां दुर्गा को लेकर भी बेहद आपत्तिजनक बयान दिया था। बीजेपी विधायकों ने उनके बयान की तीखी आलोचना की थी।
बीजेपी ने राजद के पोस्टर पर किया पलटवार
राजद की तरफ से पोस्टर लगाकर मंदिर पर उठाए गए सवाल पर बीजेपी ने तीखा हमला करते हुए राजद के काम करने के तरीकों पर सवाल खड़ा किया है। बीजेपी प्रवक्ता नीरज शर्मा ने कहा कि राजद के मंत्री और नेता विरोध करते-करते लगता है कि सभी ने धर्म परिवर्तन कर लिया है। राजद प्रधानमंत्री मोदी के विरोध करने के साथ हिंदू धर्म पर ही सवाल खड़े कर रही हैं, जो कहीं से भी उचित नहीं है हिंदू धर्म पर सवाल खड़ा करना देश और यहां रहने वाले बहुत संख्या पर हमला है, जिसका जवाब जनता मुंहतोड़ रूप से चुनाव में देगी।