मामला जानिए
आज जिस केस में प्रभुनाथ सिंह को सजा सुनाई गई उसके बाद जस्टिस ने कहा कि आज से पहले ऐसा केस नहीं देखा। बता दें कि 1995 में बिहार के छपरा में 18 साल के राजेंद्र राय और 47 साल के दरोगा राय की एक मतदान केंद्र के नज़दीक क्रूरता पूर्वक हत्या कर दी गयी थी। फिर इस मामले की जांच शुरू की गयी और सिंह पर यह आरोप लगा था कि दोनों को इसलिए मारा गया क्योंकि उन्होंने प्रभुनाथ के कहने के मुताबिक वोट नहीं डाला था। पहले इस मामले में सिंह को निचली अदालत ने 2008 में फिर और पटना हाईकोर्ट ने 2012 में बरी कर दिया था। फिर इस मामले को सर्वोच्च अदालत में लाया गया जहां जस्टिस संजय किशन कौल, अभय एस ओक और विक्रम नाथ की पीठ ने कहा है कि इस डबल मर्डर मामले में प्रभुनाथ सिंह को सजा देने के लिए सबूत पर्याप्त है।