भारतीय सेना के इतिहास में पहली बार दो सहपाठी नौसेना और थलसेना की कमान संभाल रहे हैं। लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने रविवार को थलसेना प्रमुख का कार्यभार संभाला, जबकि एडमिरल दिनेश त्रिपाठी 30 अप्रेल से नौसेना के प्रमुख हैं। दोनों ने रीवा (मध्य प्रदेश) के सैनिक स्कूल में पढ़ाई की। सत्तर के दशक की शुरुआत में वे 5वीं कक्षा से एक साथ रहे। दोनों के रोल नंबर भी पास-पास थे। द्विवेदी का रोल नंबर 931 और त्रिपाठी का 938 था। द्विवेदी और त्रिपाठी के बीच स्कूल में दिनों से गहरी दोस्ती रही।
द्विवेदी थलसेना के 30वें प्रमुख हैं। उन्होंने जनरल मनोज पांडे का स्थान लिया, जो 26 महीने के कार्यकाल के बाद रविवार को सेवानिवृत्त हो गए। द्विवेदी ने ऐसे समय थलसेना प्रमुख का पद संभाला है, जब सेना संरचनात्मक सुधारों के साथ आधुनिकीकरण के दौर से गुजर रही है।
उत्तरी सेना के कमांडर के रूप में लंबे कार्यकाल के कारण उनके पास चीन और पाकिस्तान से लगती सीमाओं पर ऑपरेशंस का व्यापक अनुभव है। उन्हें परम विशिष्ट सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक और तीन जीओसी-इन-सी प्रशस्ति पत्रों से सम्मानित किया गया।
द्विवेदी ने डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज (डीएसएससी), वेलिंगटन और आर्मी वार कॉलेज, महू (मध्य प्रदेश) में प्रशिक्षण हासिल किया। उन्होंने डिफेंस एंड मैनेजमेंट स्टडीज में एफ.फिल किया। जनरल द्विवेदी अब तक थलसेना के उपप्रमुख थे। लेफ्टिनेंट जनरल एन.एस. राजा सुब्रमणि ने रविवार को यह पद संभाला।