राष्ट्रीय

नए साल से बदलने जा रहा कार्ड पेमेंट करने का तरीका, रिजर्व बैंक ने जारी किया टोकनाइजेशन नियम

आरबीआई के नए नियम के तहत आपको 1 जनवरी से या तो 16 डिजिट वाले डेबिट या क्रेडिट कार्ड नंबर समेत कार्ड की पूरी डिटेल्स डालनी होंगी या फिर टोकनाइजेशन के विकल्प को चुनना होगा। आइए आपको बताते हैं क्या होता है टोकनाइजेशन और क्या हैं नए नियम।

Dec 19, 2021 / 10:17 am

Arsh Verma

credit/debit card

आप क्रेडिट या डेबिड कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो जान लें कि नए साल से ऑनलाइन कार्ड पेमेंट के नियम बदल जाएंगे। डेबिट और क्रेडिट कार्ड की सुरक्षा को देखते हुए ये बदलाव किए जा रहे हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) इस नियम को नए साल से लागू करने जा रही है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ऑनलाइन भुगतान को और सुरक्षित बनाने के लिए सभी वेबसाइट और भुगतान गेटवे (payment gateways) द्वारा स्टोर किए गए ग्राहकों के डेटा को हटाने और इसके स्थान पर लेनदेन करने के लिए एन्क्रिप्टेड टोकन (encrypted tokens) का उपयोग करने के लिए कहा है।

अब नहीं होंगी कार्ड की डिटेल स्टोर:
नए नियम के अनुसार ऑनलाइन शॉपिंग और डिजिटल पेमेंट जैसे ट्रांजेक्शन के दौरान अब मर्चेंट वेबसाइट या ऐप आपके कार्ड की डिटेल स्टोर नहीं कर सकेंगे, और जिन मर्चेंट वेबसाइट या ऐप पर आपके कार्ड की डिटेल अभी तक स्टोर हैं, वहां से भी ये डिलीट हो जाएंगी। इसका असर यह होगा कि नए साल से आप अपने डेबिट-क्रेडिट कार्ड से ऑनलाइन शॉपिंग करेंग या फिर कार्ड को किसी पेमेंट ऐप पर डिजिटल पेमेंट के लिए इस्तेमाल करेंगे तो कार्ड का विवरण स्टोर नहीं होंगी।

क्या है नया नियम:
1 जनवरी, 2022 से ऑनलाइन पेमेंट (Online Payment) करते समय आपको या तो 16 डिजिट वाले डेबिट या क्रेडिट कार्ड नंबर समेत कार्ड की पूरी डिटेल्स डालनी होंगी या फिर टोकनाइजेशन (encrypted tokens) के विकल्प को चुनना होगा। अभी होता यह है कि पेमेंट ऐप या फिर ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म पर आपका कार्ड नंबर स्टोर हो जाता है और आप केवल सीवीवी और ओटीपी एंटर कर भुगतान कर सकते हैं।

आरबीआई की गाइडलाइन:
आरबीआई ने मार्च, 2020 में दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा कि व्यापारियों को डेटा सुरक्षा को बढ़ावाने के लिए अपनी वेबसाइटों पर कार्ड की जानकारी को सहेजने की अनुमति नहीं होगी। आरबीआई ने इस बारे में सितंबर 2021 में नए दिशा-निर्देश जारी किए, जिससे कंपनियों को साल के अंत तक नियमों का पालन करने और उन्हें टोकन का विकल्प देने का कहा था। आरबीआई ने सभी कंपनियों को 1 जनवरी, 2022 से अपने सिस्टम से सहेजे गए क्रेडिट और डेबिट कार्ड डेटा को हटाने का आदेश दिया था।

बैंकों को अलर्ट:
कुछ बैंकों ने तो अपने ग्राहकों को नए नियमों के बारे में अलर्ट करना भी शुरू कर दिया है। एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) ने अपने ग्राहकों से कहा है कि, ‘बेहतर कार्ड सिक्योरिटी के लिए आरबीआई के नए मैनडेट के अनुरूप मर्चेंट वेबसाइट/ऐप पर सेव आपके एचडीएफसी बैंक कार्ड (HDFC Bank card) की डिटेल्स 1 जनवरी, 2022 से मर्चेंट द्वारा डिलीट कर दी जाएंगी। हर बार भुगतान के लिए ग्राहक को या तो कार्ड की पूरी डिटेल्स डालनी होंगी या फिर टोकनाइजेशन सिस्टम को अपनाना होगा।’

क्या है टोकनाइजेशन:
टोकनाइजेशन की मदद से कार्डधारक को अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड की पूरी डिटेल्स को शेयर नहीं करनी नहीं होती है। टोकनाइजेशन वास्तविक कार्ड नंबर का एक वैकल्पिक कोड के जरिए रिप्लेसमेंट होता है, इस कोड को ही टोकन कहते हैं।
टोकनाइजेशन हर कार्ड, टोकन रिक्वेस्टर और मर्चेंट के लिए यूनीक होगा। टोकन क्रिएट हो जाने पर टोकनाइज्ड कार्ड डिटेल्स को वास्तविक कार्ड नंबर की जगह इस्तेमाल किया जा सकता है। कहा जा रहा है कि इस सिस्टम को ऑनलाइन पेमेंट के लिए ज्यादा सुरक्षित माना जाता है।

Hindi News / National News / नए साल से बदलने जा रहा कार्ड पेमेंट करने का तरीका, रिजर्व बैंक ने जारी किया टोकनाइजेशन नियम

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.