20 देशों के आंकड़ों का विश्लेषण
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (बीएमजे) में प्रकाशित शोध के मुताबिक पुरुष चिकित्सकों में आम लोगों की तुलना में आत्महत्या का जोखिम अधिक नहीं होता लेकिन समान सामाजिक-आर्थिक स्थिति वाले अन्य पेशेवरों की तुलना में यह जोखिम अधिक है। सीनियर रिसर्च मैजनेर केटी हार्डकैसल ने अध्ययन के परिणामों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि चिकित्सकों को भी मानसिक स्वास्थ्य सहायता की जरूरत है। इसके साथ ही उन्हें तनाव मुक्त कार्य का विकल्प भी दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस समस्या पर फिलहाल अधिक काम करने की जरूरत है ताकि चिकित्सक कोई भी मदद मांगने में सहज महसूस करें।कोरोना के बाद चुनौतियां बढ़ी
शोध में चिकित्सा पेश में चल रहे मानसिक स्वास्थ्य संकट पर भी प्रकाश डाला गया। शोध में बताया गया कि कोविड-19 महामारी के बाद चिकित्सकों के सामने चुनौतियां और बढ़ गई हैं। इसमें महामारी के बाद अवसाद और माद्रक पदार्थों के सेवन के कारण आत्महत्या के जोखिमों को और बढ़ा दिया है। ऐसे में इन जोखिमों को तत्काल कम करने के उपाय करने की जरूरत है। यह भी पढ़ें
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