अभी टाइप 7 बंगले में ही रहेंगे राघव चड्ढा
मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस अनुप जे भंभानी ने कहा कि राज्यसभा सचिवालय के खिलाफ निचली अदालत का पारित स्थगन आदेश बहाल रहेगा। यह रोक तब तक लागू रहेगी जब तक कि ट्रायल कोर्ट अंतरिम राहत के लिए उनके आवेदन पर फैसला नहीं कर लेता। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान आप नेता राघव चड्ढा ने अपनी सुरक्षा और आतंकी धमकियों का हवाला देते हुए निचली अदालत का आदेश रद्द करने की मांग की थी।
कोर्ट के फैसले पर राघव चड्डा ने क्या कहा
दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले पर आप नेता राघव चड्डा की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि सत्य की जीत हुई। सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि ये मकान या दुकान की नहीं, संविधान को बचाने की लड़ाई है। आखिर में सच और न्याय की जीत हुई। राघव चड्ढा ने कहा कि पूरा मामला राजनीतिक प्रतिशोध का है।
छापेमारी में बरामद पैसों का क्या करती हैं CBI और ED, जब्त संपत्ति का कैसे होता है इस्तेमाल
क्या है पूरा मामला
राघव चड्ढा जब राज्यसभा सदस्य बने तो उन्हें टाइप-6 बंगला आवंटित किया गया था। इसके बाद आप सांसद ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से टाइप-7 बंगला आवंटित करने की गुहार लगाई। राज्यसभा सचिवालय ने उनकी मांग मानते हुए उन्हें टाइप-7 बंगला दे दिया। हालांकि इसी साल राज्यसभा सचिवालय ने राघव के टाइप-7 बंगले का आवंटन रद्द कर दिया। आपको बता दें कि टाइप-7 बंगला अमूमन, पूर्व केंद्रीय मंत्रियों, राज्यपाल या पूर्व मुख्यमंत्री जैसे वरिष्ठ नेताओं को ही मिलता है।