टिकट न मिलने से बागी हुए सिंह
आगामी लोकसभा चुनाव के लिए तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों की सूची में उनका नाम नहीं होने पर वह बागी हो गए और राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी से नाता तोड़ने का संकेत दिया। लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे ज्यादा तवज्जो नहीं दिया। उन्होंने कहा कि सिंह के विद्रोह से कोई फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि वह आधिकारिक तौर पर भाजपा के साथ हैं।
2022में टीएमसी में शामिल हुए थे सिंह
बता दें कि अर्जुन सिंह 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए थे और बैरकपुर से भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुने गए थे। लेकिन 2022 में वह फिर से तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। हालांकि संसद के रिकॉर्ड के अनुसार वह आधिकारिक तौर पर भाजपा के लोकसभा सदस्य बने रहे, क्योंकि उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया था।
2022में टीएमली में शामिल हुए थे सिंह
बता दें कि अर्जुन सिंह 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए थे और बैरकपुर से भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुने गए थे। लेकिन 2022 में वह फिर से तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। हालांकि संसद के रिकॉर्ड के अनुसार वह आधिकारिक तौर पर भाजपा के लोकसभा सदस्य बने रहे, क्योंकि उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया था।