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Ravi Shankar Prasad: इमरजेंसी के विरोध में गए थे जेल, छात्र नेता से केंद्रीय मंत्री तक, जानिए रविशंकर प्रसाद का सियासी सफर

Ravi Shankar Prasad: छात्र नेता से अपना सियासी सफर शुरू करने वाले रविशंकर प्रसाद ने आपातकाल के दौरान जयप्रकाश नारायण की अगुवाई में बिहार में छात्र आन्दोलन का नेतृत्व किया। उन्होंने 1970 के दशक में इन्दिरा गांधी की सरकार के विरुद्ध विरोध प्रदर्शनों के जरिए अपनी पहचान बनाई।

नई दिल्लीMay 29, 2024 / 07:10 am

Shaitan Prajapat

Ravi Shankar Prasad: रविशंकर प्रसाद भारत के सर्वोच्च न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता और बिहार के पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी का प्रतिनिधित्व करने वाले सांसद हैं। बीजेपी ने रविशंकर प्रसाद एक बार फिर से पटना साहिब से उम्मीदवार बनाया हैं। मोदी सरकार में रविशंकर के पास कानून मंत्रालय की जिम्मेदारी है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद अपने कड़े तेवर के लिए वह अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। रविशंकर प्रसाद के राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1970 में छात्र नेता के रूप में हुई थी। उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था।

व्यक्तिगत जीवन

रविशंकर प्रसाद का जन्म बिहार की राजधानी पटना में 30 अगस्त, 1954 को हुआ था। उनके पिता ठाकुर प्रसाद पटना हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील थे। उन्होंने पटना यूनिवर्सिटी से बीए, एम.ए और एलएलबी की पढ़ाई की है। रविशंकर प्रसाद कई सालों तक विद्यार्थी परिषद में विभिन्न पदों पर काम किया। छात्र जीवन में वह पटना विवि छात्र संघ के सहायक महासचिव और विश्वविद्यालय की सीनेट तथा वित्त समिति, कला और विधि संकाय के सदस्य रहे हैं।

एक वकील के रूप में

बीजेपी के दिग्गज नेता रविशंकर प्रसाद सुप्रीम कोर्ट में एक पेशेवर वरिष्ठ अधिवक्ता हैं। उन्होंने 1980 में पटना हाईकोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की थी। पटना हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ ने 1999 में वरिष्ठ अधिवक्ता नामित किया गया। इसके अगले साल 2000 में उनका नामांकन सुप्रीम कोर्ट में हुआ। लालू प्रसाद यादव के खिलाफ चारा और अलकतरा घोटाले में जनहित याचिका पर बहस करने वाले वे प्रमुख वकील थे।

इमरजेंसी के विरोध में गए थे जेल

प्रसाद ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत साल 1970 में छात्र नेता के रूप में की। उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। वे बिहार में जय प्रकाश नारायण के नेतृत्व में छात्र आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल थे और अपनी सक्रियता के लिए आपातकाल के दौरान जेल गए थे।कॉलेज के दिनों में वह पटना यूनिवर्सिटी छात्र संघ के सहायक महासचिव बने। इसके बाद 1995 से रविशंकर प्रसाद बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं।

2006 से हैं भाजपा के प्रवक्ता

​रविशंकर प्रसाद साल 2006 में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता बने। अप्रैल 2006 में बिहार से राज्य सभा के लिए दोबारा सांसद चुने गए। इसके अगले साल 2007 में उन्हें भाजपा का मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त किया गया। बीते 10 सालों से वे भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं। वे विभिन्न संसदीय समितियों के भी सदस्य रहे। वे चार बार राज्यसभा के लिए चुने गए और वित्त, संचार एवं आईटी, तथा पेट्रोलियम एवं रसायन जैसी प्रमुख संसदीय समितियों में कार्य कर चुके हैं।

पटना साहिब से चुनावी मैदान में

एक दिग्गज राजनेता होने के नाते भाजपा ने उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव में पटना साहिब निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतारा है। प्रसाद भाजपा में एक प्रमुख व्यक्ति रहे हैं, जिन्होंने राष्ट्रीय महासचिव, मुख्य प्रवक्ता और मीडिया प्रभाग के प्रमुख जैसे महत्वपूर्ण संगठनात्मक पदों पर कार्य किया है। वे अक्सर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में पार्टी के विचारों का प्रतिनिधित्व करते हुए दिखाई देते हैं।

रवि शंकर प्रसाद के सामने कांग्रेस ने अंशुल विजित को उतारा

लोकसभा चुनाव में पटना साहिब सीट हर बार चर्चा में रही है। पिछले चुनाव में पूर्व केन्द्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने फिल्म अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा को शिकस्त दी थी। इससे पहले शत्रुघ्न सिन्हा ने भाजपा के टिकट पर शेखर सुमन को हराया था। इस बार के चुनाव में भाजपा ने फिर रविशंकर प्रसाद को टिकट दिया है। तो महागठबंधन इंडिया की ओर से कांग्रेस ने अंशुल विजित को उतारा है। रविशंकर जाने-माने वकील है तो अंशुल पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के बेटे हैं। वैसे तो चुनाव में कुल सत्रह प्रत्याशी मैदान में है लेकिन मुख्य लड़ाई कांग्रेस और भाजपा के बीच ही दिखाई दे रही है। भाजपा सीट पर कब्जा बरकरार रखने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है तो कांग्रेस इस सीट को भाजपा से छिनने के लिए पूरा जोर लगा रही है।

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