जानिए Noel Tata ने कमान संभालने के बाद क्या कहा?
टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन बनने के बाद नोएल टाटा ने टाटा ट्रस्ट और रतन टाटा के बारे में कहा कि वे रतन टाटा और टाटा ग्रुप के संस्थापकों की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए उत्सुक हैं। नोएल टाटा ने कहा कि वह अपने साथी ट्रस्टियों द्वारा दी गई इस जिम्मेदारी से बहुत सम्मानित और विनम्र महसूस कर रहे हैं। नोएल टाटा ने टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन नियुक्त होने को लेकर कहा कि एक सदी से भी अधिक समय पहले स्थापित टाटा ट्रस्ट सामाजिक भलाई के लिए एक अनूठा माध्यम है। कहा कि हम अपने विकास और परोपकारी पहलों को आगे बढ़ाने और राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाने के लिए खुद को फिर से समर्पित कर रहे हैं।Trent ने किया मालामाल
ट्रेंट: इस कंपनी ने निवेशकों की रकम को एक साल में करीब चार गुना कर दिया है। एक साल में ट्रेंट के शेयर ने 292% रिटर्न दिया है। 2100 रुपए से बढ़कर इसके शेयरों की कीमत 8231 रुपए हो गई है। टाटा इन्वेस्टमेंट (Tata Investment) : इसने एक साल में करीब 118% रिटर्न दिया है। 3233 रुपए से बढक़र इसके शेयर की कीमत 7040 रुपए हो गई है।
वोल्टास (Voltas) : अभी इसके शेयर की कीमत 1791 रुपए है। एक साल में कंपनी ने निवेशकों को 108% रिटर्न दिया है।
वोल्टास (Voltas) : अभी इसके शेयर की कीमत 1791 रुपए है। एक साल में कंपनी ने निवेशकों को 108% रिटर्न दिया है।
Trent के पास एक स्टोर था, आज हुए 890
नोएल टाटा ने ग्रुप की रिटेल कंपनी ट्रेंट के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वर्ष 1999 में जब वे ट्रेंट के एमडी बने तब ट्रेंट के पास केवल एक स्टोर था जिसकी संख्या अभी 890 से भी अधिक है। ट्रेंड अभी टीसीएस, टाइटन और टाटा मोटर्स के बाद टाटा समूह की चौथी सबसे बड़ी कंपनी है। उनके नेतृत्व में ट्रेंट ने काफी प्रगति की है। अब वह जारा और मासिमो जैसे वैश्विक ब्रांडों के अलावा वेस्टसाइड, स्टार बाजार और जूडियो सहित विभिन्न ब्रांडों को मैनेज कर रही है। पिछले 5 साल में कंपनी की कमाई 5 गुना बढ़ी है।Noel को करनी पड़ी लंबी प्रतीक्षा
वर्ष 2010 में नोएल को टाटा इंटरनेशनल का एमडी नियुक्त किया गया था तब अटकलें लगाई जाने लगी थीं कि उन्हें टाटा ग्रुप के प्रमुख के रूप में रतन टाटा का उत्तराधिकारी बनाने के लिए तैयार किया जा रहा है। लेकिन 2011 में टाटा संस के बोर्ड ने साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) को टाटा ग्रुप का चेयरमैन बनाने की घोषणा की। इस निर्णय ने लोगों को चौंका दिया, लेकिन नोएल चुपचाप अपना काम करते रहे। जब 2017 में एन. चंद्रशेखरन को टाटा संस का चेयरमैन बनाया गया, तब भी नोएल इसके प्रबल दावेदार थे। नोएल को 2018 में सर रतन टाटा ट्रस्ट के बोर्ड में नियुक्त किया गया।Noel Tata के सामने होंगी ये चुनौतियां
रतन टाटा (Ratan Tata) का नाम उद्योग और समाज सेवा में अग्रणी रहा। नोएल के सामने इन मानकों को बनाए रखने और ट्रस्ट की परंपराओं को आगे बढ़ाने की चुनौतियां होंगी। उन्हें न केवल रतन टाटा की दृष्टि को बरकरार रखनी होगी बल्कि ट्रस्ट को नए युग की चुनौतियों के लिए तैयार करना होगा। टाटा ट्रस्ट का शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास और विज्ञान में भी विशेष योगदान रहा है। ट्रस्ट को डिजिटल इंडिया, स्किल डेवलपमेंट और महिला सशक्तीकरण जैसी योजनाओं के साथ जोड़ना और नए क्षेत्रों में योगदान देना भी प्रमुख चुनौती होगी।यह भी पढ़ें – Ratan Tata: भारत-चीन युद्ध के चलते रतन टाटा की नहीं हो पाई थी शादी