इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ( Rajnath Singh ) ने सभी देशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि मुझे विश्वास है कि INS विशाखापट्टनम अपने नाम को सार्थक करते हुए हमारी समुद्री सुरक्षा को और मजबूत करेगा।
यह भी पढ़ेँः Indian Railways: 1 दिसंबर से नहीं चलेंगी ये ट्रेनें, यात्रा से पहले देखें पूरी लिस्ट दुनिया की समुद्री जरूरतों को पूरा करेगा भारत राजनाथ सिंह ने कहा, ये पोत पूरी तरह स्वदेशी है। इसलिए इसमें कोई संदेह नहीं रह जाता कि आने वाले समय में हम अपनी ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की समुद्री जरूरतों को पूरा करेंगे। INS विशाखापट्टन में क्षमता और ताकत जानकर आपको भी गर्व का एहसासा होगा।
पलक झपकते ही दुश्मन को कर देगा तबाह
– ‘विशाखापत्तनम’ नाम के इस पोत का निर्माण और वितरण स्वदेशी युद्धपोत निर्माण कार्यक्रमों के मद्देनजर सरकार और नौसेना के लिए मील का पत्थर है।
– विशाखापत्तनम के नौसेना में शामिल होने से दुनियाभर में भारत की पहचान एडवांस वॉरशिप के डिजाइन और निर्माण की क्षमता वाले देशों के रूप में होगी.
– भारतीय नौसेना के इस पहले PB15 स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर युद्धपोत में भारत की सबसे ताकतवर मिसाइल सिस्टम्स लगी हैं।
– इनमें ब्रह्मोस और बराक मिसाइलें शामिल हैं। इसकी ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आईएनएस विशाखापत्तनम दुश्मन के जहाज को देखते ही एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल लॉन्च कर दुश्मन का खात्मा कर सकता है
– ‘विशाखापत्तनम’ नाम के इस पोत का निर्माण और वितरण स्वदेशी युद्धपोत निर्माण कार्यक्रमों के मद्देनजर सरकार और नौसेना के लिए मील का पत्थर है।
– विशाखापत्तनम के नौसेना में शामिल होने से दुनियाभर में भारत की पहचान एडवांस वॉरशिप के डिजाइन और निर्माण की क्षमता वाले देशों के रूप में होगी.
– भारतीय नौसेना के इस पहले PB15 स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर युद्धपोत में भारत की सबसे ताकतवर मिसाइल सिस्टम्स लगी हैं।
– इनमें ब्रह्मोस और बराक मिसाइलें शामिल हैं। इसकी ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आईएनएस विशाखापत्तनम दुश्मन के जहाज को देखते ही एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल लॉन्च कर दुश्मन का खात्मा कर सकता है
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– यह विध्वंसक वॉरशिप पूरी तरह से स्वदेशी है। इस वॉरशिप के निर्माण की शुरुआत साल 2013 के अक्टूबर महीने में हुई थी।
– इस युद्धपोत का वजन 7400 टन है। कुल लंबाई ट्रेन के 7 डिब्बों की लंबाई के बराबर यानी 535 फीट है
– INS विशाखापत्तनम की अधिकतम रफ्तार 56 किलोमीटर प्रतिघंटा है। वॉरशिप के 26 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलने के दौरान इसकी रेंज 7400 किलोमीटर रहती है
– इस विध्वंसक वॉरशिप पर नौसेना के 300 जवान एक साथ रह सकते हैं।
– इसके अलावा, इस वॉरशिप पर 32 एंटी-एयर बराक मिसाइलें तैनात की जा सकती हैं। ये मिसाइलें 100 किलोमीटर की रेंज तक मार करने में सक्षम हैं।
– इस युद्धपोत पर 16 एंटी-शिप या लैंड अटैक ब्रह्मोस मिसाइलें तैनात की जा सकती हैं।
– ये एक 76 मिलीमीटर की ओटीओ मेराला तोप, 4 AK-603 सीआईडब्ल्यूएस बंदूक से लैस है, जो पलक झपकते ही दुश्मन के जहाजों, मिसाइलों को नष्ट कर सकता है।
– इसे 4 टॉरपीडो ट्यूब्स, 2 RBU-6000 एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर से भी लैस किया गया है।
– यह विध्वंसक वॉरशिप पूरी तरह से स्वदेशी है। इस वॉरशिप के निर्माण की शुरुआत साल 2013 के अक्टूबर महीने में हुई थी।
– इस युद्धपोत का वजन 7400 टन है। कुल लंबाई ट्रेन के 7 डिब्बों की लंबाई के बराबर यानी 535 फीट है
– INS विशाखापत्तनम की अधिकतम रफ्तार 56 किलोमीटर प्रतिघंटा है। वॉरशिप के 26 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलने के दौरान इसकी रेंज 7400 किलोमीटर रहती है
– इस विध्वंसक वॉरशिप पर नौसेना के 300 जवान एक साथ रह सकते हैं।
– इसके अलावा, इस वॉरशिप पर 32 एंटी-एयर बराक मिसाइलें तैनात की जा सकती हैं। ये मिसाइलें 100 किलोमीटर की रेंज तक मार करने में सक्षम हैं।
– इस युद्धपोत पर 16 एंटी-शिप या लैंड अटैक ब्रह्मोस मिसाइलें तैनात की जा सकती हैं।
– ये एक 76 मिलीमीटर की ओटीओ मेराला तोप, 4 AK-603 सीआईडब्ल्यूएस बंदूक से लैस है, जो पलक झपकते ही दुश्मन के जहाजों, मिसाइलों को नष्ट कर सकता है।
– इसे 4 टॉरपीडो ट्यूब्स, 2 RBU-6000 एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर से भी लैस किया गया है।