बच्चों के शव पहचानना भी मुश्किल
अग्निकांड में जान गंवाने वाले बच्चे पूरी तरह जल गए थे। ऐसे में मृतकों के शव पहचानना भी मुश्किल हो गया है। प्रशासन का कहना है कि ऐसे बच्चों के शव डीएनए टेस्ट के बाद परिजनों को सौंपे जाएंगे।
नहीं थी फायर एनओसी
प्राथमिक जांच में सामने आया कि गेम जोन के पास फायर एनओसी नहीं थी। इतना ही नहीं गेम जोन में फायर फाइटिंग के साधनों का भी अभाव था। एसआइटी करेगी जांच
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि घटना की जांच स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) करेगी। राज्य सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को चार लाख रुपए और घायलों को 50 हजार रुपए की आर्थिक मदद देने की घोषणा की गई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने जताया दु:ख
हादसे की सूचना मिलते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को फोन कर घटना की जानकारी ली। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट साझा करते हुए कहा कि राजकोट में आग लगने की घटना से बेहद व्यथित हूं। मेरी संवेदनाएं उन सभी के साथ हैं जिन्होंने प्रियजनों को खोया है। गृहमंत्री अमित शाह ने भी अग्निकांड पर संवेदना व्यक्त की है।