ज्यादा पैसे काटे जाने की शिकायत की थी
गिरिडीह के सामाजिक सह आरटीआई कार्यकर्ता सुनील कुमार खंडेलवाल की शिकायत मिलने के बाद रेलवे ने यात्रियों को यह राहत देने का फैसला किया है। RTI कार्यकर्ता ने 12 अप्रैल को IRCTC की ओर से टिकट रद्द करने पर मनमाने शुल्क वसूलने के बारे में रेलवे प्रशासन को पत्र लिखा था। पत्र में उन्होंने कहा कि अगर IRCTC की वेबसाइट से बुक किए गए वेटिंग टिकट कन्फर्म नहीं होते हैं, तो रेलवे खुद ही उन टिकटों को रद्द कर देता है। इसके साथ ही भुगतान का एक बड़ा हिस्सा सेवा शुल्क के रूप में काट लिया जाता है। उदाहरण के लिए, यह कहा गया था कि यदि वेटिंग टिकट 190 रुपये में बुक किया गया है और कन्फर्म नहीं हुआ है, तो रेलवे केवल 95 रुपये वापस करेगा। इस शिकायत के आलोक में IRCTC ने महत्वपूर्ण कार्रवाई की है।
IRCTC रेलवे की ओर से निर्धारित नियमों का पालन करने के लिए बाध्य
IRCTC के प्रबंध निदेशक ने 18 अप्रैल को सुनील खंडेलवाल को सूचित किया है कि टिकट बुकिंग और रिफंड से संबंधित नीति, निर्णय और नियम भारतीय रेलवे (Railway Board) का विषय है। आईआरसीटीसी रेलवे की ओर से निर्धारित नियमों और विनियमों का पालन करने के लिए बाध्य है। उन्होंने आगे कहा कि पूरी तरह से वेटिंग लिस्ट, आरएसी टिकट क्लर्केज शुल्क के मामले में भारतीय रेलवे के नियमों के अनुसार प्रति यात्री 60 रुपये का रद्दीकरण शुल्क लगाया जाएगा। IRCTC के एमडी ने भी इस मामले को रेलवे प्रशासन के सामने लाने के लिए उनका आभार व्यक्त किया है। खंडेलवाल ने मामले का संज्ञान लेने और तत्काल कार्रवाई करने के लिए रेलवे प्रशासन का आभार व्यक्त किया है।