इंस्टीट्यूट ऑफ मैथमैटिकल साइंसेज चेन्नई के शोधार्थियों के अध्ययन में सामने आया है कि चेन्नई, पुणे, बेंगलुरु और कोलकाता में आर वैल्यू एक से अधिक है। जबकि दिल्ली और मुंबई में ये आंकड़ा दो के पार हो चुका है। जो चिंता बढ़ाने वाला है।
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रिसर्च टीम के सिताभरा सिन्हा के मुताबिक राजधानी दिल्ली में 23 से 29 दिसंबर के बीच आर वैल्यू 2.54 पर थी। जबकि आर्थिक राजधानी मुंबई की बात करें तो 23 से 28 दिसंबर के बीच यह आर वैल्यू 2.01 थी। इन दोनों ही शहरों में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है।
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इन राज्यों में क्या स्थिति
रिसर्च के मुताबिक पुणे और बेंगलुरु में आर वैल्यू 1.11 दर्ज की गई। जबकि कोलकाता में आर वैल्यू 1.13 और चेन्नई में 1.26 रही। इन सभी शहरों में आर वैल्यू अक्टूबर मध्य से एक से ज्यादा है। जो आने वाले समय के लिए चिंता बढ़ाने वाली है।
रिसर्च के मुताबिक पुणे और बेंगलुरु में आर वैल्यू 1.11 दर्ज की गई। जबकि कोलकाता में आर वैल्यू 1.13 और चेन्नई में 1.26 रही। इन सभी शहरों में आर वैल्यू अक्टूबर मध्य से एक से ज्यादा है। जो आने वाले समय के लिए चिंता बढ़ाने वाली है।
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यह होती है आर-वैल्यू
आर-वैल्यू के बढ़ते आंकड़े के बीच ये जान लेना जरूरी है कि आखिर इसके मायने क्या है। दरअसल एक संक्रमित व्यक्ति औसतन कितने लोगों को संक्रमित कर रहा है, इसी से आर वैल्यू तय होती है।
इसी से वायरस के प्रसार की गति का भी पता लगाया जाता है। ऐसे में एक्सपर्ट्स के मुताबिक आर वैल्यू का बढ़ना एक बड़े खतरे की ओर इशारा कर रहा है। दो शहरों में ये आंकड़ा दो से ज्यादा है जबकि कुछ और शहरों में ये 1 से ज्यादा हो चुका है। ऐसे में आने वाले दिनों में इसकी वैल्यू में इजाफा हुआ तो तीसरी लहर आना तय है।
किसी स्थान पर आर वैल्यू एक से कम होने का मतलब है कि वायरस के फैलने की गति वहां पर धीमी हो गई है। देश में जनवरी-फरवरी में तीसरी लहर आने की आशंका है।
यह होती है आर-वैल्यू
आर-वैल्यू के बढ़ते आंकड़े के बीच ये जान लेना जरूरी है कि आखिर इसके मायने क्या है। दरअसल एक संक्रमित व्यक्ति औसतन कितने लोगों को संक्रमित कर रहा है, इसी से आर वैल्यू तय होती है।
इसी से वायरस के प्रसार की गति का भी पता लगाया जाता है। ऐसे में एक्सपर्ट्स के मुताबिक आर वैल्यू का बढ़ना एक बड़े खतरे की ओर इशारा कर रहा है। दो शहरों में ये आंकड़ा दो से ज्यादा है जबकि कुछ और शहरों में ये 1 से ज्यादा हो चुका है। ऐसे में आने वाले दिनों में इसकी वैल्यू में इजाफा हुआ तो तीसरी लहर आना तय है।
किसी स्थान पर आर वैल्यू एक से कम होने का मतलब है कि वायरस के फैलने की गति वहां पर धीमी हो गई है। देश में जनवरी-फरवरी में तीसरी लहर आने की आशंका है।