राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हाल ही में बजट सत्र के दौरान सदन को सूचित किया था कि मुआवजा देकर 493 एकड़ भूमि पहले ही अधिग्रहित की जा चुकी है। 492 एकड़ से अधिक भूमि राज्य सरकार की है। इस घोषणा के बाद से एक बार फिर से इस प्रोजेक्ट का विरोध तेज हो गया।
टेक्सटाइल पार्क का विरोध करने के लिए एक सार्वजनिक कार्रवाई समिति (PAC) का गठन करने वाले गैर सरकारी संगठनों के एक समूह ने रविवार को अपना विरोध और तेज कर दिया। इस विरोध में शिरोमणी अकाली दल भी शामिल हो गया।
दरअसल, मत्तेवाड़ा जंगल और बाढ़ के मैदानों से सटी एक हजार एकड़ में टेक्सटाइल पार्क स्थापित करने के फैसले को रद्द करने को लेकर 50 गैर सरकारी संगठनों की पब्लिक एक्शन कमेटी द्वारा 10 जुलाई को भारी विरोध प्रदर्शन देखने को मिला था। इसका समर्थ अकाली दल ने भी खुलकर किया।
बता दें कि इस टेक्सटाइल पार्क का एक बड़ा हिस्सा सतलुज दरिया से सटा है जहां 40-50 डाइंग यूनिट स्थापित किये जाते और एक यूनिट से रोजाना औसतन 10 लाख लीटर पानी का इस्तेमाल करते। इसके बाद कैमिकल युक्त पानी नदी में ही बहा दिया जाता। इसे सतलुज नदी का पानी जहरीला बन जाता। इससे नदी में रहने वाले जीवों को खतरा होता। जैव विविधता को नुकसान नदी का पानी इस्तेमाल के लायक नहीं रह जाता। यही कारण है कि इसका पर्यावरण से जुड़े कार्यकर्ता विरोध कर रहे थे।