दरअसल यह मामला 26 जनवरी का है। जब संयुक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकाली थी। उसी दिन लालकिले पर केसरी झंडा लगा दिया था। इसके बाद कुछ किसान लालकिला तक पहुंच गए और वहां केसरी झंडा लगा दिया था।
यह भी पढ़ेँः Delhi-NCR के 43 फीसदी लोगों ने माना, परिवार में या करीबियों को हुआ डेंगू’ पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दल किसानों को अपने पक्ष में करने में जुटे हैं। इस बीच मुख्यमंत्री चन्नी ने भी बड़ा दांव चला है। उन्होंने दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान गिरफ्तार आरोपियों को आर्थिक मदद देकर किसानों का भरोसा जीतने की कोशिश की है।
मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा, ‘सरकार केंद्रीय कृषि सुधार कानूनों के विरोध में किसानों के प्रदर्शन के साथ है। उसी के संबंध में यह कदम उठाया गया है। खास बात यह है कि सरकार एक तरफ दिल्ली बॉर्डर पर बैठे किसानों को साध रही है तो दूसरी तरफ हिंसा के बाद उनसे टूटे युवाओं के हिस्से को भी साथ जोड़ने की कोशिश कर रही है।
सीएम चन्नी ने किया ट्वीट
चरणजीत सिंह चन्नी ने ट्वीट किया, ‘तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन को मेरी सरकार के समर्थन को दोहराते हुए, हमने 26 जनवरी 2021 को दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकालने की वजह से गिरफ्तार किए गए 83 लोगों को मुआवजा देने का फैसला किया है।’
चरणजीत सिंह चन्नी ने ट्वीट किया, ‘तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन को मेरी सरकार के समर्थन को दोहराते हुए, हमने 26 जनवरी 2021 को दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकालने की वजह से गिरफ्तार किए गए 83 लोगों को मुआवजा देने का फैसला किया है।’
SKM ने झाड़ा पल्ला
खास बात यह है कि जिस वक्त लालकिला हिंसा का मामला हुआ तो संयुक्त किसान मोर्चा ने उससे पल्ला झाड़ लिया था। उनका कहना था कि यह जानबूझकर शरारत की गई, क्योंकि मोर्चा की ट्रैक्टर रैली का कार्यक्रम लालकिले की तरफ नहीं थे।
खास बात यह है कि जिस वक्त लालकिला हिंसा का मामला हुआ तो संयुक्त किसान मोर्चा ने उससे पल्ला झाड़ लिया था। उनका कहना था कि यह जानबूझकर शरारत की गई, क्योंकि मोर्चा की ट्रैक्टर रैली का कार्यक्रम लालकिले की तरफ नहीं थे।
यह भी पढ़ेँः स्कूलों में दिखाई जाएंगी समलैंगिक संबंधों वाली फिल्में! CBFC और UNICEF को नोटिस, 10 दिन में मांगा जवाब उन्होंने इसके लिए पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू को जिम्मेदार ठहराया था। बता दें कि इससे पहले गुरुवार को पंजाब विधानसभा के स्पेशल सेशन में कांग्रेस सरकार केंद्र के तीनों कृषि कानूनों को रद्द कर चुकी है।
इसकी जगह पर सरकार ने पंजाब का नया कानून पास किया है। हालांकि, इससे पहले कैप्टन अमरिंदर के CM रहते भी संशोधित कानून बनाया था। लेकिन वो गवर्नर ऑफिस में ही अटक कर रह गया था।