आज पंजाब की विधानसभा में अग्निपथ स्कीम के खिलाफ मुख्यमंत्री भगवंत मान एक प्रस्ताव को लेकर आए। प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए सीएम मान ने कहा कि यह योजना देश के युवाओं के खिलाफ है। मैं जल्द ही अग्निपथ योजना के मुद्दे को प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री के समक्ष उठाऊंगा। उन्होंने केंद्र सरकार से इस स्कीम को वापस लेने की मांग उठाई। इसी के साथ पंजाब अग्निपथ स्कीम के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।
भाजपा के दो विधायकों ने प्रस्ताव का किया विरोध-
मुख्यमंत्री भगवंत मान के अग्निपथ स्कीम के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव का कांग्रेस और अकाली दल ने समर्थन किया। हालांकि भाजपा विधायकों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया। बता दें कि पंजाब में भाजपा के मात्र दो विधायक हैं- अश्विनी शर्मा और जांगी लाल महाजन, इनदोनों ने सीएम भगवंत मान के प्रस्ताव का विरोध किया।
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कांग्रेस और अकाली दल के विधायकों ने की वापस लेने की मांग-
दूसरी ओर इस प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री भगवंत मान को विपक्षी दलों का भी साथ मिला। पंजाब में विपक्ष के नेता और कांग्रेस विधायक प्रताप सिंह बाजवा ने मांग अग्निपथ योजना को वापस लेने की मांग की। इसके साथ ही अकाली दल के विधायक मनप्रीत सिंह अयाली ने भी प्रस्ताव का समर्थन किया और योजना को वापस लिए जाने की मांग की।
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चार साल की नौकरी के खिलाफ जमकर हुआ था विरोध-
उल्लेखनीय हो कि बीते दिनों केंद्र सरकार ने सेना में भर्ती की अग्निपथ स्कीम की घोषणा की थी। जिसके अनुसार चार साल के अनुबंध पर सेना, नौसेना और वायुसेना में साढ़े 17 साल और 21 साल के बीच के युवाओं की भर्ती होगी। इस स्कीम की घोषणा के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन शुरू हुए। बिहार, यूपी, हरियाणा, तेलंगाना, उत्तराखंड सहित कई राज्यों में इस स्कीम के खिलाफ सैकड़ों युवा सड़कों पर उतरे थे। विरोध के बाद सरकार ने भर्ती की अधिकतम आयु सीमा बढ़ाकर 23 वर्ष कर दी गई थी।