इस आतंकी के मारे जाने के बाद एक बात तो बहुत साफ हो गई है कि अब कश्मीर की घाटी में आतंकियों की उम्र ज्यादा नहीं है। आतंकी कैफियत आयूब आतंकी संगठन में अभी तक दो महीने भी पूरा नहीं कर पाया। इससे पहले ही सुरक्षाबलों ने उसे 72 हूरों के पास भेज दिया।
पुलवामा की इस मुठभेड़ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, जम्मू कश्मीर पुलिस और भारतीय सेना की राष्ट्रीय राइफल 44 ने एक पिस्टल, दो ग्रेनेड, दो मैगजीन और पांच कारतूस बरामद किया है। 30 नवंबर को आतंकियों की मौजूदगी की सूचना पर सर्च आपरेशन चलाया गया था। सुरक्षाबलों को अपनी तरफ बढ़ता देख आतंकी ने फायरिंग शुरू कर दी।दोनों तरफ से गोलीबारी के साथ मुठभेड़ शुरू हो गई।