प्रियंका: कब तक गिनते रहेंगे शहीदों की लाशें?
प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, “जम्मू कश्मीर के डोडा में आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में सेना के एक अधिकारी समेत चार जवानों की शहादत की खबर अत्यंत दुखद है। ईश्वर दिवंगत आत्माओं को श्रीचरणों में स्थान दें। शोकाकुल परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। हम सभी सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुर जवानों और उनके परिवारों के सदैव ऋणी रहेंगे।” प्रियंका ने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर में 4 जवानों की शहादत पर पूरा देश दुखी है और एकजुटता से आतंकवाद के खिलाफ खड़ा है। लेकिन लगातार बढ़ते आतंकवादी हमले गंभीर सवाल खड़े करते हैं। क्या देश के राजनीतिक नेतृत्व की भूमिका सिर्फ इतनी होनी चाहिए कि हर शहादत पर दुख जताकर मौन हो जाएं? पिछले 78 दिन में जम्मू-कश्मीर में 11 आतंकवादी हमले हो चुके हैं। इन हमलों में सेना और पुलिस के 13 जवान शहीद हुए। 9 जून को एक यात्री बस पर हुए हमले में 9 श्रद्धालु मारे गए। ये हमले और हमारे सैनिकों की शहादतें रोकने के लिए सरकार कूटनीतिक-रणनीतिक मोर्चे पर क्या उपाय कर रही है? कभी नोटबंदी, कभी अनुच्छेद 370 के बहाने आतंकवाद को नेस्तनाबूद करने के फर्जी दावे की कीमत हमारे जवान अपनी जान देकर चुका रहे हैं। हम कब तक अपने शहीदों की लाशें गिनते रहेंगे?
आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक रूप से लड़ना होगा
खड़गे ने एक्स पर लिखा, “जम्मू-कश्मीर के डोडा में आतंकी मुठभेड़ में एक अधिकारी समेत चार बहादुर सेना के जवानों की शहादत से बेहद दुखी हूं। भारत माता की सेवा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले हमारे वीर जवानों के परिवारों के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं। हम घायलों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं और उनके शीघ्र और पूर्ण स्वस्थ होने की कामना करते हैं। कायर आतंकवादियों द्वारा किये जा रहे हिंसा के इन कृत्यों की कड़ी और स्पष्ट निंदा के लिए कोई भी शब्द पर्याप्त नहीं है।” उन्होंने केंद्र सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा, “पिछले 36 दिन में जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमलों के मद्देनजर हमारी सुरक्षा रणनीति में सावधानीपूर्वक बदलाव की जरूरत है। मोदी सरकार ऐसे काम कर रही है जैसे सब कुछ सामान्य हो और कुछ भी नहीं बदला है। उन्हें पता होना चाहिए कि जम्मू क्षेत्र इन हमलों का खामियाजा तेजी से भुगत रहा है। हम झूठी शेखी बघारने, फर्जी बयानबाजी और शोर-शराबा करके अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में नहीं डाल सकते। एक राष्ट्र के रूप में हमें सामूहिक रूप से सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ लड़ना होगा। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस हमारे बहादुर सशस्त्र बलों के साथ मजबूती से खड़ी है।”