बजट पेश करने वाले पहले प्रधानमंत्री थे जवाहरलाल नेहरू
वित्तवर्ष 1958-59 का बजट तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) ने संसद में पेश किया था। वह बजट पेश करने वाले पहले प्रधानमंत्री थे। दरअसल, उस समय टीटी कृष्णामाचारी देश के वित्तमंत्री थे, लेकिन मुद्रा घोटाले में उनका नाम सामने आने पर उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। उस स्थिति में PM नेहरू ने वित्तमंत्री का प्रभार भी खुद ले लिया था और फिर उस वित्त वर्ष का बजट पेश किया था। देश में लगाया गया था ‘गिफ्ट TAX’ प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने उस बजट में 10,000 रुपये से ज्यादा संपत्ति के ट्रांसफर पर गिफ्ट TAX का प्रावधान किया था। उसमें एक छूट यह भी थी कि पत्नी को 1 लाख रुपये तक के गिफ्ट देने पर टैक्स नहीं लगेगा। इसे ‘गिफ्ट टैक्स’ कहा गया।
बजट पेश करने वाली दूसरी PM थी इंदिरा गांधी
साल 1970 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) की सरकार थी। मोरारजी देसाई उस समय उपप्रधानमंत्री होने के साथ वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी भी संभाल रहे थे। इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री बनने से वह पार्टी के भीतर बगावत पर उतर आए थे। इसको गंभीरता से लेते हुए कांग्रेस ने उन्हें 12 नवंबर, 1969 को उन्हें पार्टी से ही बाहर कर दिया था। इसके बाद इंदिरा गांधी ने वित्त मंत्रालय संभाला और 28 फरवरी, 1970 को पहली और आखिरी बार बजट पेश किया। EPF को लेकर हुई थी बड़ी घोषणा प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उस बजट में कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में कर्मचारी के 8 प्रतिशत हिस्से और संस्था की भागीदारी के अलावा सरकारी सहयोग का ऐलान किया था।
बजट पेश करने वाले तीसरे और आखिरी प्रधानमंत्री थे राजीव गांधी
वर्ष 1987-88 का बजट तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Rajeev Gandhi) ने संसद में पेश किया था। उस दौरान वित्त मंत्री की जिम्मेदारी वीपी सिंह के कंधों पर थी। उस कार्यकाल में सिंह का प्रधानमंत्री से विवाद हो गया था। लगातार बढ़ते विवाद और दबाव में आकर वीपी सिंह ने बजट से कुछ समय पहले जनवरी, 1987 अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद प्रधानमंत्री राजीव ने वित्त मंत्रालय को अपने पास रखते हुए बजट पेश किया था। पहली बार लागू हुआ था कॉरपोरेट TAX राजीव गांधी ने वर्ष 1987-88 के बजट में पहली बार कॉरपोरेट टैक्स लागू किया था। इसे मिनिमम ऑल्टरनेट टैक्स भी कहा जाता है।