पर्यटक नहीं कर पाए क्राइस्ट चर्च में प्रार्थना
एक यात्री प्रणव पांडे, जो एक गहरे आध्यात्मिक अनुभव की उम्मीद के साथ क्राइस्ट चर्च में प्रार्थना करने आए थे, लेकिन प्रार्थना अचानक रद्द होने से वह निराशा हो गए। इस घटना ने यह स्पष्ट किया कि किसी भी कार्यक्रम की योजना बनाते समय स्पष्ट संचार और आगंतुकों को सही सूचना देना कितना जरूरी है। हालांकि निराश होने के बावजूद, पर्यटकों ने शिमला की सुंदरता में सांत्वना पाई और भविष्य के आशीर्वाद की उम्मीद बनाए रखी। भोपाल से आए पर्यटक सारांश ने अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा, “हमें शिमला घूमने में बहुत मज़ा आया, लेकिन हम क्राइस्ट चर्च में होने वाली मध्यरात्रि की प्रार्थना का इंतजार कर रहे थे। जब हम पहुंचे, तो हमें बताया गया कि प्रार्थना नहीं हो रही है। ठंड में कुछ देर इंतजार करने के बाद, हमारे पास अपने होटल लौटने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।” कई पर्यटक कई घंटे पहले ही चर्च पहुंचे थे, क्योंकि वे भजन, प्रार्थना और आध्यात्मिक माहौल के साथ इस पारंपरिक कार्यक्रम का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। हालांकि, कार्यक्रम रद्द होने से वे बहुत निराश हो गए।
केवल क्राइस्ट चर्च के लिए शिमला आए थे पर्यटक
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से आए एक अन्य पर्यटक प्रणव पांडे ने इस घटना पर और भी गहरी निराशा व्यक्त की। उन्होंने कहा, “मैं केवल क्राइस्ट चर्च के लिए शिमला आया था। मैंने 1,500 किलोमीटर से अधिक की यात्रा की थी ताकि मध्यरात्रि की प्रार्थना देख सकूं, लेकिन यह जानकर मुझे बहुत दुख हुआ कि यह नहीं हो रही। इस कठिनाई के बावजूद, मैंने यह तय किया कि मैं शिमला तब तक नहीं छोड़ूंगा जब तक मैं क्राइस्ट चर्च में प्रवेश नहीं कर लेता, आशीर्वाद नहीं लेता और प्रार्थना नहीं करता। चाहे इसमें कल या परसों तक का समय लगे, मैं अपना उद्देश्य पूरा किए बिना नहीं जाऊँगा।” कई पर्यटकों ने अपने कार्यक्रमों को इस खास कार्यक्रम के आसपास ही तय किया था, और शिमला की सर्दी में इस आयोजन का इंतजार कर रहे थे। उनके लिए निराशा की बात यह रही कि कार्यक्रम रद्द होने की सूचना पहले से नहीं दी गई थी। आगंतुकों ने बताया कि उन्हें किसी बदलाव के बारे में जानकारी नहीं थी और चर्च पहुंचने पर ही उन्हें यह जानकारी मिली।