गुरुवार को जन सुराज अभियान के संयोजक प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राज्य की सड़कों को नया रूप देने के दावों को हवा में उड़ा दिया। प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर कहा, “90 के दशक के जंगलराज में बिहार में सड़कों की स्थिति की याद दिलाता यह बिहार के मधुबनी जिले का नेशनल हाईवे 227 (L) है। अभी हाल में ही नीतीश कुमार जी एक कार्यक्रम में पथ निर्माण विभाग के लोगों को बोल रहे थे कि बिहार में सड़कों की अच्छी स्थिति के बारे में उन्हें सबको बताना चाहिए।”
दरअसल, 1990 के दशक का जंगल राज का संदर्भ प्रशांत किशोर ने लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी से किया है। उन्होंने 15 साल तक बिहार पर शासन किया था, तब अराजकता और सड़कों की बदहाली आम थी। इन दो मुद्दों पर RJD को भारी आलोचना का सामना करना पड़ा।
बता दें, प्रशात किशोर ने 2015 के विधानसभा चुनावों में लालू-नीतीश गठबंधन को जीत दिलाने में मदद की थी, तब नीतीश कुमार के नेतृत्व में दो साल बाद उनके नंबर दो के रूप में काम करने के बाद अब प्रशांत किशोर को लगता है कि दोनों नेताओं ने राज्य को नीचा दिखाया है।
वहीं रिपोर्ट के मुताबिक 2015 से मधुबनी के ये सड़के पूरी तरह से जर्जर हालत में है। सबसे बड़ा गड्ढा 100 फीट का है। इस सड़क से छोटी गाड़ियों समेत ट्रक और डंपर जैसे बड़े वाहन भी रोजाना गुजरते हैं। ऐेसे में हादसों का डर बना रहता है। इसकी मरम्मत के लिए अब तक तीन बार टेंडर हो चुके हैं, लेकिन काम अधूरा छोड़ अब सभी ठेकेदार गायब हैं।