PK को पुलिस ने मारा थप्पड़- टीम ने मीडिया को दी खबर
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर को छह जनवरी को तड़के करीब चार बजे ही पुलिस उठा ले गई। उसके बाद से ही दिन भर का घटनाक्रम लगातार सुर्खियों में रहा। पीके की प्रचार टीम पल-पल का अपडेट व्हाट्सऐप के जरिये मीडिया को देती रही। 4.20 बजे इस ग्रुप में अपडेट दिया गया “पुलिस ने प्रशांत किशोर को उठाया है और उन्हें थप्पड़ भी मारा है। इसके अलावा वहां मौजूद लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है।” बाद में पटना के डीएम डॉ. चन्द्रशेखर सिंह की ओर से कहा गया कि पीके के साथ 43 लोगों को हिरासत में लिया गया था, इनमें से एक भी छात्र नहीं है। प्रशासन ने पीके को गिरफ्तार कर उनका स्वास्थ्य जांच करवाने व अदालत में पेश किए जाने की औपचारिकता पूरी की। कोर्ट ने उन्हें सशर्त जमानत दी, जिसे लेने से पीके ने इंकार कर दिया और कहा कि वह जेल जाना पसंद करेंगे और वहां भी अनशन जारी रखेंगे। टीम पीके की ओर से शाम को किशोर को बेउर जेल से निकाल कर बेउर थाना ले जाये जाने की जानकारी दी गई।
…मीडिया पर ही फोड़ दिया ठीकरा
दिन भर के घटनाक्रम का पीके से जुड़ा अपडेट उनकी टीम लगातार दे ही रही थी। शाम को उनकी ओर से एक प्रेस नोट भी जारी किया गया। इससे पहले पीके ने मीडिया से बात भी की। उनकी ओर से मीडिया पर गलत खबर चलाने का आरोप मढ़ दिया गया। शाम करीब सवा पांच बजे जारी प्रेस नोट में कहा गया, ” जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर 2 जनवरी से आमरण अनशन पर बैठे थे। 6 जनवरी की सुबह 4 बजे बिहार पुलिस प्रशांत किशोर को आमरण अनशन स्थल गांधी मूर्ति से गिरफ्तार कर 5 घंटे तक एंबुलेंस में घुमाती रही फिर उन्हें फतुहा के सामुदायिक अस्पताल ले गई और उसके बाद पीरबहोर सिविल कोर्ट पटना लेकर आई।
थप्पड़ मारने वाली खबर बेबुनियाद- प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने कोर्ट से निकलने के बाद मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि आज सुबह 4 बजे जहां हमलोग पिछले 5 दिनों से सत्याग्रह कर रहे थे, करीब 4 बजे पुलिस के साथी आए और बोले- मेरे साथ चलिए। जाहिर सी बात है, हमारे साथ भी काफी लोग मौजूद थे, भीड़ थी, लेकिन मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि पुलिस का बरताव खराब नहीं रहा है। थप्पड़ मारने वाली खबर जो मीडिया में चल रही है वो बेबुनियाद है। हमारी लड़ाई पुलिस से नहीं है। लेकिन मैं बताना चाहता हूं कि इसके बाद पुलिस मुझे लेकर AIIMS गई, वहां मुझे एक-डेढ़ घंटे बैठा कर रखा। वहां की हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन ने मेरा एडमिशन करने से मना कर दिया इसके पीछे क्या कारण रही। मुझे नहीं बताया गया। इस बीच में मेरे कई साथी समर्थक AIIMS के गेट पर आ गए थे। वहां से निकलते वक्त थोड़ी बहुत हाथापाई की गई। ये भी पढ़ें: ‘प्रतिबंधित स्थल पर धरना दिया तो होगी कड़ी कार्रवाई’, पटना जिलाधिकारी ने दी चेतावनी बता दें कि सोमवार को प्रशासन ने गांधी मैदान को प्रदर्शनकारियों से खाली करवा दिया। हालांकि पीके का कहना है कि उनका अनशन जेल में भी जारी रहेगा।
पीके जब अनशन में शामिल हुए तो वैनिटी वैन को लेकर भी विवाद हुआ। गांधी मैदान के पास एक वैनिटी वैन खड़ी थी। बाउंसर्स के साथ वैन में जाते पीके का विडियो वायरल हुआ तो उनके विरोधियों ने उन्हें जम कर घेरा। मीडिया ने भी सवाल पूछा तो पीके भड़क गए थे।
एक पत्रकार ने जब उनसे कहा कि क्या आप अपना वैनिटी वैन दिखा सकते हैं तो उन्होंने भड़कते हुए कहा था- क्यों दिखाएं? हू आर यू? उन्होंने इसे पत्रकारिता के नाम पर ढोंग भी बता दिया था।
पीके ने दो अक्तूबर, 2024 को जन सुराज पार्टी की स्थापना करवाई है। इससे पहले उन्होंने बिहार में लंबी पदयात्रा की थी। वह 2025 के विधानसभा चुनाव में जनता को एक बेहतर विकल्प देने का वादा कर रहे हैं। इस क्रम में जनता से जुड़े किसी आंदोलन में सीधे तौर पर शरीक होने का उनका यह पहला अनुभव है।