बजट में गरीबों के लिए 2 करोड़ ग्रामीण घर बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा अगले कुछ वर्षों में 4 लाख करोड़ रुपए तक आवंटित किए जाने की उम्मीद है, जिसमें केंद्र सरकार का योगदान लगभग 2.63 लाख करोड़ रुपए होगा। सत्ता संभालने के कुछ समय बाद मोदी सरकार ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 3 करोड़ घर बनाने में मदद करने की योजना की घोषणा की है। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने प्रति घर के लिए सरकारी सहायता राशि बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। पहले यह राशि 1.2 लाख रुपए थी, जिसे अब बढ़ाकर लगभग 2 लाख रुपए करने का सुझाव दिया गया है।
मिडिल क्लास से लिए आ सकती है नई स्कीम
शहरी आवास योजना के तहत सरकार आम बजट में मिडिल-क्लास हाउसिंग स्कीम के लिए इंटरेस्ट सबवेंशन का ऐलान कर सकती है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट में इस स्कीम का ऐलान किया था। इस मामले से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि मिडिल क्लास हाउसिंग स्कीम को इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम बनाने के लिए विकल्प की तलाश हो रही है। यानी शहरों में मिडिल क्लास के लिए सस्ती दरों वाली हाउसिंग स्कीम की शुरुआत होने की उम्मीद है। अभी इस बात पर चर्चा चल रही है कि मिडिल क्लास की स्कीम में कितनी सब्सिडी दी जा सकती है और इसकी मैक्सिमम लिमिट क्या होगी। इस स्कीम के तहत कारपेट एरिया लिमिट जैसे मसलों पर विचार चल रहा है।
इन राज्यों में सबसे अधिक मकानों को मंजूरी
राज्य स्वीकृत मकान
आंध्रप्रदेश 21.4
उत्तर प्रदेश 17.8
महाराष्ट्र 13.6
गुजरात 10.1
मध्यप्रदेश 9.6
तमिलनाडु 6.8
पश्चिम बंगाल 6.7
राजस्थान 3.2
(संख्या लाख में)
शहरी आवास योजना पर भी जोर
घरों के निर्माण को मंजूरी: 1.19 करोड़
बनकर तैयार: 84.3 लाख
निर्माण चल रहा: 1.14 करोड़
शहरी आवास योजना पर खर्च
प्रस्तावित राशि: 2 लाख करोड़ रुपए
अब तक जारी: 1.60 लाख करोड़ रुपए
खर्च हुए: 1.50 लाख करोड़ रुपए