ममता बनर्जी शासित पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में टीएमसी नेता शाहजहां शेख और उसके पोषित गुंडों द्वारा हिंदू महिलाओं के साथ हुए दुष्कर्म की घटना सामने आने के बाद उनसे मिलने के लिए जा रहे बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता और भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी को पुलिस ने रोक लिया। सुवेंदु मंगलवार सुबह अपने आवास से उत्तर 24 परगना जिले के अशांत संदेशखाली के लिए विधायक अग्निमित्रा पाल समेत कुछ अन्य भाजपा नेताओं के साथ रवाना हुए थे।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने दी थी इजाजत
बता दें कि भाजपा नेता सुवेंदु ने पिछले सप्ताह दूसरी बार संदेशखाली जाने से पुलिस द्वारा रोके जाने पर कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। अदालत ने सोमवार को उनकी याचिका पर फैसला सुनाते हुए उन्हें सुरक्षाकर्मियों के साथ संदेशखाली जाने की सशर्त अनुमति दे दी। अदालत ने साथ ही हिदायत दी कि भाजपा नेता संदेशखाली दौरे में कोई भड़काऊ भाषण नहीं देंगे। संदेशखाली में रहने के दौरान उन्हें किसी भी तरह की गैरकानूनी गतिविधि में शामिल नहीं होने का भी निर्देश दिया गया है।
ममता सरकार कोर्ट का निर्देश भी नहीं मान रही: भाजपा नेता
पुलिस ने सुवेंदु को धामाखाली में रोक दिया। सुवेंदु का कहना है कि ममता सरकार हाई कोर्ट का निर्देश भी नहीं मान रही है। वहीं राज्य सरकार ने हाई कोर्ट की एकल पीठ के निर्देश को चुनौती देते हुए खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया है।
बता दें कि सुवेंदु यौन शोषण व अत्याचार की शिकार महिलाओं और स्थानीय लोगों से मुलाकात कर जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए संदेशखाली जाने वाले थे। इसके अलावा भाजपा ने संदेशखाली कांड की एनआइए जांच की मांग की है। बता दें कि इससे पहले एक ताजा घटनाक्रम में एक रिपोर्टर, जो पिछले सप्ताह वहां तनाव फैलने के बाद से उत्तर 24 परगना जिले के संकटग्रस्त संदेशखाली से ग्राउंड रिपोर्ट दे रहा था, उसे सोमवार देर शाम पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। राज्य पुलिस ने अभी तक गिरफ्तार रिपोर्टर संतू पान के खिलाफ सटीक आरोपों का खुलासा हालांकि नहीं किया है।
शाहजहां शेख की गिरफ्तारी और राष्ट्रपति शासन की मांग
उल्लेखनीय है कि पिछले कई दिनों से पूरे देश में चर्चा के केंद्र में रहे संदेशखाली में हाल में बड़ी संख्या में महिलाओं ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के फरार नेता शाहजहां शेख और उनके करीबियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन किया था। महिलाओं का आरोप है कि शाहजहां और उनके समर्थकों ने उनका यौन उत्पीड़न किया और जबरन जमीन पर भी कब्जा कर लिया है। वहीं, एक दिन पहले सोमवार को राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने भी संदेशखाली का दौरा किया था। संदेशखाली दौरे के बाद रेखा शर्मा ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि राष्ट्रपति शासन के बिना यहां पर महिलाएं सुरक्षित हैं।