घर-घर ज्योति जलाने की तैयारी है
पीएम मोदी ने कहा कि आज शाम घर-घर राम ज्योति प्रज्वलित करने की तैयारी है। कल मैं श्रीराम के आशीर्वाद से राम सेतु के आरंभ बिंदु पर था। जिस घड़ी प्रभु श्रीराम समुद्र पार करने निकले थे, वह पल था, जिसने कालचक्र बदला था। उसे महसूस करने का विनम्र प्रयास था। अब कालचक्र फिर बदलेगा और शुभ दिशा में बढ़ेगा।
“अपने 11 दिन के व्रत अनुष्ठान के दौरान मैंने उन स्थानों का चरण स्पर्श करने का प्रयास किया, जहां प्रभु श्रीराम के चरण पड़े थे। चाहे नासिक हो, केरल हो, रामेश्वरम हो या फिर धनुषकोडी, मेरा सौभाग्य है कि सागर से सरयू तक की यात्रा का अवसर मिला। सागर से सरयू तक रामनाम का वही उत्सव छाया हुआ है। प्रभु राम तो भारत की आत्मा के कण-कण से जुड़े हुए हैं।
हम भारत में कहीं भी किसी की अंतरआत्मा को छुएंगे तो इसी एकत्व की अनुभूति होगी। देश को समायोजित करने वाला इससे उत्कृष्ट सूत्र और क्या हो सकता है। देश के कोने-कोने में रामायण सुनने का अवसर मिला है। पिछले 11 दिनों में रामायण अलग-अलग भाषाओं में सुनने का मौका मिला है। राम को परिभाषित करते हुए ऋषिओं ने कहा है कि रमंते इति रामः।”
सैकड़ों वर्ष का वियोग रहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उस कालखंड में तो वियोग सिर्फ 14 वर्षों का था इस युग में तो अयोध्या और देशवासियों ने सैकड़ो वर्षों का वियोग सहा है। हमारी कई पीढ़ियों ने वियोग सहा है। हमारे रामलला अब टेंट में नहीं रहेंगे, वे अब दिव्य मंदिर में रहेंगे। मेरा पक्का विश्वास है कि जो घटित हुआ है उसकी अनुभूति देश और दुनिया के कोने-कोने में रामभक्तों को हो रही होगी। यह क्षण अलौकिक है यह माहौल, यह घड़ी, हम सब पर प्रभु श्री राम का आशीर्वाद है।
गुलामी की मानसिकता को तोड़कर उठ खड़ा हुआ राष्ट्र
पीएम मोदी ने कहा कि गुलामी की मानसिकता को तोड़कर उठ खड़ा हुआ राष्ट्र ऐसे ही नव इतिहास का सृजन करता है। आज से हजार साल बाद भी आज की इस तारीख और पल की चर्चा करेंगे। यह कितनी बड़ी रामकृपा है कि हम सब इस पल को जी रहे हैं, इसे साक्षात घटित होता देख रहे हैं। आज दिन-दिशाएं, दिग-दिगंत, सब दिव्यता से परिपूर्ण हैं। ये समय सामान्य नहीं है, यह काल के चक्र पर सर्वकालिक स्याही से अंकित हो रही अमिट स्मृति रेखाएं हैं। हम सब जानते हैं कि जहां राम का काम होता है, वहां पवन पुत्र हनुमान अवश्य विराजमान होते हैं। इसलिए मैं रामभक्त हनुमान और हनुमान गढ़ी, माता जानकी, अयोध्या पुरी और सरयू को भी प्रणाम करता हूं।
22 जनवरी 2024 का यह सूर्य अद्भुत आभा लेकर आया है- मोदी
मोदी ने कहा कि 22 जनवरी 2024 का यह सूर्य अद्भुत आभा लेकर आया है। यह कैलेंडर पर लिखी तारीख नहीं, यह एक नए कालचक्र का उद्गम है। राम मंदिर के भूमि पूजन के बाद से प्रतिदिन पूरे देश में उमंग और उत्साह बढ़ता ही जा रहा है। निर्माण कार्य देख देशवासियों में हर दिन नया विश्वास पैदा हो रहा है। आज हमें सदियों के उस धैर्य की धरोहर मिली है।
आज हमें श्रीराम का मंदिर मिला है। हमने जिस गांठ को भावुकता और समझदारी के साथ खोला है, वो बताता है कि भविष्य बहुत सुंदर होने जा रहा है। कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी। राम मंदिर किसी आग को नहीं, ऊर्जा को जन्म दे रहा है। राम आग नहीं, ऊर्जा हैं। राम विवाद नहीं, राम समाधान हैं। राम सिर्फ हमारे नहीं, सबके हैं। राम वर्तमान नहीं, अनंत काल हैं।