आज लोकसभा में जैसे ही एक विपक्षी सांसद ने अल्पसंख्यकों के लिए कुछ भी नहीं होने का मुद्दा उठाया, उसका जवाब देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘हो सकता है कि आपके यहां मछुआरे अल्पसंख्यक नहीं हों, हो सकता है कि आपके यहां पशुपालक अल्पसंख्यक नहीं हों, हो सकता है कि किसान अल्पसंख्यक न हों।” आपके यहां अल्पसंख्यक, शायद आपके यहां महिलाएं अल्पसंख्यक नहीं…क्या हो गया है आपको? कब तक बंटवारे के बारे में सोचते रहोगे? कब तक बांटते रहोगे?
‘राजनाथ और शाह के पास नहीं है अपनी पार्टियां’
‘पीएम मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के जवाब में कहा,’लगभग 60 से अधिक सांसदों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। मैं उन सभी को धन्यवाद देता हूं. मैं विशेष रूप से विपक्ष द्वारा लिए गए संकल्प की सराहना करता हूं। उनके भाषण से, मेरा और देश का विश्वास दृढ़ हो गया है कि उन्होंने लंबे समय तक वहां (विपक्षी बेंच पर) रहने का फैसला किया है।’
‘विपक्ष के कई लोग चुनाव लड़ने की हिम्मत खो चुके हैं’
पीएम मोदी ने कहा, ‘वे (विपक्ष) विपक्ष के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रहे। मैंने हमेशा कहा है कि देश को एक अच्छे विपक्ष की जरूरत है। मैं देख रहा हूं कि आपमें से कई लोग (विपक्ष) चुनाव लड़ने की हिम्मत भी खो चुके हैं।’
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