प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 17वीं लोकसभा के अंतिम दिन सदन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि राम मंदिर को लेकर सदन ने शनिवार को जो प्रस्ताव पारित किया, वो आने वाली पीढ़ी को इस देश के मूल्यों पर गर्व करने की संवैधानिक शक्ति दे रहा है। ये सही है हर किसी में ऐसा समर्थ्य नहीं होता है कि इन चीजों पर गौरवान्वित महसूस करें, लेकिन फिर भी इस सदन में भविष्य को लेकर जो बातें हुई हैं, उसमें संवेदना, संकल्प और सहानुभूति तीनों का समावेश है। उन्होंने कहा कि देश का बच्चा-बच्चा चाहता है कि आने वाले 25 साल में भारत विकसित राष्ट्र बने। इसके लिए हर कोई अपना हर संभव योगदान दे रहा है।
17वीं लोकसभा ‘गेम चेंजर’
वह अयोध्या में राममंदिर स्थापित करने पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दे रहे थे। मोदी ने 17वीं लोकसभा को ‘गेम चेंजर’ बताया और कहा कि इसमें 21वीं सदी के भारत की नींव रखते हुए विभिन्न सुधार लागू किए गए हैं। भारत अभूतपूर्व गति से आगे बढ़ा है। जिन बदलावों का पिछली पीढ़ियों ने लंबे समय से इंतजार किया था, वे इस लोकसभा के दौरान साकार हुए हैं। आने वाले 25 वर्षों में यह देश इच्छित परिणाम प्राप्त करके रहेगा। आज देश में 2047 तक विकसित भारत बनाने का वही जज़्बा पैदा हो गया है जो गांधी जी के दांडी मार्च के समय पैदा हुआ था और उसी जज्बे ने देश को 1947 में आज़ादी दिलाई थी। उन्होंने कहा कि जिन महापुरुषों ने हमारा संविधान बनाया था, वो आज जहां भी होंगे, उनकी आत्मा हमें आशीर्वाद दे रही होगी।
सरकार की उपलब्धियों को गिनाया
इस अवसर पर मोदी ने बीते पांच साल के कार्यकाल में हुए कामकाज और सरकार की उपलब्धियों को गिनाया। मोदी ने लोकसभा चुनाव 2024 से पहले अपने आत्मविश्वास को जाहिर करते हुए कहा कि चुनाव बहुत दूर नहीं है। कुछ लोग चुनाव आते ही घबराने लगते हैं। यह लोकतंत्र का आवश्यक पहलू है और हम सब इसे गर्व से स्वीकार करते हैं। हमारा लोकतंत्र पूरे विश्व को अचंभित कर रहा है। मुझ पर तो परमात्मा की कृपा रही है कि जब चुनौती आती है तो मैं ज्यादा निखरता हूं। इसीलिए हम हर चुनौतियों का सामना कर पाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के पांच साल देश में रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के रहे हैं।
अयोध्या में मंदिर ऐतिहासिक उपलब्धि
नयी दिल्ली. लोकसभा ने अयोध्या में श्रीराम जन्मस्थली पर भव्य मंदिर का निर्माण देश के लिए एक ऐतिहासिक और गौरवशाली उपलब्धि करार दिया और माना कि यह उपलब्धि हमारे देश की विविधता में एकता की भावना को भी और प्रगाढ़ करेगी और युग-युगांतर तक हमारी पीढ़ियां अभिभूत होती रहेंगी। लोकसभा में नियम 193 के तहत राम मंदिर के निर्माण के संबंध में चर्चा के दौरान एक प्रस्ताव रखा गया जिसे सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया।
प्रस्ताव के अनुसार, प्रधानमंत्री ने भगवान राम से जुड़े इस पावन अवसर पर पूरे देश को एक सूत्र में पिरोने में अतुलनीय भूमिका निभाई है। उन्होंने श्री रामलला के विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा के अनुष्ठान के लिए पूरे समर्पित भाव से कठिन यम-नियमों का पालन किया। इस दौरान वे नासिक से लेपाक्षी और त्रिप्रयार से लेकर रामेश्वरम तक प्रभु श्रीराम से जुड़े महत्त्वपूर्ण तीर्थ स्थानों पर भी गए और राष्ट्रीय एकता का संदेश दिया।
राममंदिर के विरोधी ‘हवन में हड्डी न डालें’ : शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर के निर्माण का विरोध करने वालों को ‘नसीहत’ दी कि वे ‘हवन में हड्डी’ न डालें और भारत के बहुसंख्यक समाज की भावनाओं का ख्याल कर इसका स्वागत करें और इससे जुड़ें, उसी में देश का भला है। शाह ने लोकसभा में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि इस देश की कल्पना राम और रामचरितमानस के बिना नहीं की जा सकती। राम का चरित्र और राम इस देश के जनमानस का प्राण हैं।
भाजपा ले रही हैै राजनीतिक लाभः कांग्रेस
कांग्रेस के गौरव गोगोई ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि भाजपा राम के नाम का राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करती है। उनका कहना था कि राम सेवा भाव हैं और सेवा भाव से जनता को अधिकार देने का काम कांग्रेस पार्टी में किया है।