भारतीय जनता पार्टी के दिवाली समारोह के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोगी ने पत्रकारों से बात करने के दौरान डीपफेक वीडियो का जिक्र किया था। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि AI के माध्यम से किए जा रहे धोखाधड़ी को लेकर चिंता जताने के साथ ही लोगों को शिक्षित करने की बात कही थी।
वहीं, प्रधानमंत्री के डीपफेक को लेकर चिंता जताए जाने के बाद सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सख्त कदम उठाया है। शुक्रवार (24 नवंबर) को केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इस बात की जानकारी दी। इसके साथ ही मोदी सरकार ने सोशल मीडिया कंपनीयों को ऐसे मामले से निपटने के लिए 7 दिन के भीतर कानून बनाने के लिए 7 दिन का समय दिया है।
सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों को दीए निर्देश
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने हाल ही में सभी बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को नोटिस जारी किया है और उनसे डीपफेक की पहचान करने और सामग्री को हटाने के लिए कदम उठाने को कहा है। उन्होंने कहा कि प्लेटफार्मों ने प्रतिक्रिया दी और वे कार्रवाई कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमने सभी प्लेटफाॉर्मों से इस दिशा में और अधिक आक्रामक होने के लिए कहा है।
अधिकारी की होगी नियुक्ती
इसके अलावा उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे मामलों की जांच के लिए एक अधिकारी की नियुक्ति करेगी और एक वेबसाइट भी बनाई जाएगी, जिस पर उपयोगकर्ता नियमों के उल्लंघन की शिकायत दर्ज करा सकेंगे।
वेबसाइट विकसित करेगा IT मंत्रालय
मंत्री चंद्रशेखर ने बताया कि, “सूचना प्रौद्योगिकी (IT) मंत्रालय एक वेबसाइट विकसित करेगा, जिस पर उपयोगकर्ता सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स द्वारा IT नियमों के उल्लंघन के बारे में अपनी चिंताएं दर्ज करा सकेंगे। मंत्रालय नियमों के उल्लंघन के बारे में सूचित करने और FIR दर्ज करने में भी सहायता करेगा। डीपफेक कंटेंट के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। नियमों के उल्लंघन के प्रति शून्य सहिष्णुता होगी।”