हौसला देने वाली गाथाएं लोगों को बहुत आती हैं पसंद
पीएम मोदी ने कहा कि एक धारणा ऐसी है कि जब तक चटपटी बातें न हो, नकारात्मक बातें न हो, तब तक उसको ज्यादा तवज्जो नहीं मिलती है। लेकिन, ‘मन की बात’ ने साबित किया है कि देश के लोगों में सकारात्मक जानकारी की कितनी भूख है। सकारात्मक बातें प्रेरणा से भर देने वाले उदाहरण, हौसला देने वाली गाथाएं, लोगों को बहुत पसंद आती हैं। हर एपिसोड के साथ नई गाथाएं, नए कीर्तिमान
पीएम मोदी ने उदाहरण देते हुए कहा कि एक पक्षी होता है ‘चकोर’ जिसके बारे में कहा जाता है कि वह सिर्फ वर्षा की बूंद ही पीता है। ‘मन की बात’ में हमने देखा कि लोग भी चकोर पक्षी की तरह, देश की उपलब्धियों को, लोगों की सामूहिक उपलब्धियों को गर्व से सुनते हैं।’मन की बात’ की दस वर्ष की यात्रा ने एक ऐसी माला तैयार की है, जिसमें, हर एपिसोड के साथ नई गाथाएं, नए कीर्तिमान, नए व्यक्तित्व जुड़ जाते हैं। हमारे समाज में सामूहिकता की भावना के साथ जो भी काम हो रहा हो, उन्हें ‘मन की बात’ कार्यक्रम के द्वारा सम्मान मिलता है।
‘मैं ऊर्जा से भर जाता हूं’
प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरा मन भी गर्व से भर जाता है, जब मैं ‘मन की बात’ के लिए आई चिट्ठियों को पढ़ता हूं। हमारे देश में कितने प्रतिभावान लोग हैं, उनमें देश और समाज की सेवा करने का कितना जज्बा है। लोग निस्वार्थ भाव से सेवा करने में अपना पूरा जीवन समर्पित कर देते हैं। उनके बारे में जानकर मैं ऊर्जा से भर जाता हूं। ‘मन की बात’ की पूरी प्रक्रिया मेरे लिए ऐसी है, जैसे मंदिर जाकर ईश्वर के दर्शन करना। ‘मन की बात’ की हर बात को, हर घटना को, हर चिट्ठी को मैं याद करता हूं, तो ऐसे लगता है, जनता जनार्दन जो मेरे लिए ईश्वर का रूप है, मैं उनका दर्शन कर रहा हूं।