विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्व) जयदीप मजूमदार ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी की ब्रुनेई यात्रा दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 40 वर्ष पूरे होने का भी प्रतीक होगी। वे सुल्तान हाजी हसनल बोल्किया के निमंत्रण पर ब्रुनेई जा रहे हैं। ब्रुनेई भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति और हिंद-प्रशांत के उसके दृष्टिकोण में एक महत्वपूर्ण साझेदार है।
ब्रुनेई के साथ रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ेगा
मजूमदार ने कहा, यात्रा से ब्रुनेई के साथ रक्षा सहयोग, व्यापार और निवेश, ऊर्जा, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सहयोग, क्षमता निर्माण, संस्कृति के साथ-साथ लोगों के बीच आदान-प्रदान मजबूत होगा। नए क्षेत्रों में सहयोग के अवसर तलाशे जाएंगे। भारत और ब्रुनेई रक्षा क्षेत्र में एक संयुक्त कार्य समूह स्थापित करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
सिंगापुर के साथ स्वास्थ्य-डिजिटल क्षेत्र में समझौते होंगे
जयदीप मजूमदार ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के आमंत्रण पर वहां जा रहे हैं। इससे भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन के तहत साझेदारी के लिए चिह्नित क्षेत्रों में दोनों देशों के संबंध और भी बड़े स्तर पर पहुंचेंगे। उन्होंने कहा, सिंगापुर के साथ डिजिटलीकरण, सतत कौशल, स्वास्थ्य, उन्नत विनिर्माण और कनेक्टिविटी में सहयोग के कई नए भविष्य के क्षेत्रों की पहचान की गई। उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि यह यात्रा सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देगी। यात्रा के दौरान सिंगापुर में पीएम मोदी की कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) और अन्य व्यापारिक नेताओं के साथ बातचीत होगी। साथ ही यह यात्रा हमारे राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ का अवसर पर भी होगी, जिसे हम 2025 में मनाएंगे, तथा सिंगापुर के साथ यह हमारी रणनीतिक साझेदारी का दसवां वर्ष भी होगा।