मोदी ने मंत्रियों को कहा कि जाइए और जीत कर आइए, फिर जल्दी मिलेंगे। उन्होंने मंत्रियों को आगाह किया कि ज्यादा बोलने से परहेज करें। जो भी बयान दें, सोच-समझ कर दें। आजकल डीप फेक का चलन है, जिसमें आवाज बदल दी जाती है। चुनाव के समय लोगों से मिलते-जुलते समय सतर्क रहें। जो भी बोलना है, योजनाओं पर बोलें। विवादित बयानों से बचें।
प्रधानमंत्री मोदी ने आला अफसरों से कहा कि चुनाव के दिनों में देश के भविष्य के रोडमैप को साकार करने पर काम करें। छुट्टी मत समझिए, काम पर लग जाइए।
विकसित भारत का रोडमैप दो साल की गहन तैयारी के बाद तैयार किया गया है। इसके लिए सभी मंत्रालयों, राज्य सरकारों, शिक्षाविदों, उद्योग निकायों, नागरिक समाज, वैज्ञानिक संगठनों से चर्चा की गई। इसके लिए 2700 से अधिक बैठकें, कार्यशालाएं और सेमिनार आयोजित किए गए। सरकार को 20 लाख से ज्यादा युवाओं के सुझाव प्राप्त हुए। ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्यों में आर्थिक विकास, सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी), जीवन में आसानी, बुनियादी ढांचा, सामाजिक कल्याण जैसे क्षेत्र शामिल हैं। इसमें प्रधानमंत्री मोदी के लक्ष्य जीरो गरीबी, प्रशिक्षित युवा और शत प्रतिशत लाभार्थी का उद्देश्य शामिल है।
मोदी अगले 10 दिन में 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का दौरा करेंगे। वह देश के अलग-अलग हिस्सों में 29 कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। इन राज्यों में तेलंगाना, तमिलनाडु, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार, जम्मू-कश्मीर, असम, अरुणाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान शामिल हैं। मोदी यात्रा की शुरुआत चार मार्च को तेलंगाना के आदिलाबाद से करेंगे। चार मार्च को ही वह तमिलनाडु की यात्रा करेंगे।
वह चेन्नई में रैली को भी संबोधित करेंगे। पांच मार्च को तेलंगाना के संगारेड्डी का दौरा करेंगे। वह छह मार्च को पश्चिम बंगाल और बिहार जाएंगे। सात मार्च को श्रीनगर और आठ मार्च को असम की यात्रा के बाद वह 12 मार्च को गुजरात के साबरमती और राजस्थान के जैसलमेर जिले के पोकरण का दौरा करेंगे।